भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेश भेजी गई राशि अगस्त 2024 में सालाना आधार पर 4.97 फीसदी घटकर 3.20 अरब डॉलर रह गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.37 अरब डॉलर थी। अंतरराष्ट्रीय यात्रा सेग्मेंट में सुस्त वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
एलआरएस योजना 2004 में पेश की गई थी। इसके तहत सभी निवासी व्यक्तियों को एक वित्त वर्ष में 2,50,000 डॉलर तक विदेश भेजने की अनुमति है, जो अनुमति प्राप्त चालू या पूंजी खाते के लेनदेन से या दोनों के माध्यम से बगैर किसी शुल्क के भेजा जा सकता है।
शुरुआत में यह योजना 25,000 करोड़ डॉलर भेजने तक सीमित थी, जिसे बाद में धीरे-धीरे बढ़ाया गया। धन प्रेषण में 60 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी वाले सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय यात्रा सेगमेंट में रेमिटेंस सालाना आधार पर 1.3 फीसदी घटकर 2.01 अरब डॉलर रह गया, जो अगस्त 2023 में 2.04 अरब डॉलर था। इसी प्रकार नजदीकी लोगों के रखरखाव पर आने वाले खर्च के लिए भेजा गया धन 16.65 फीसदी घटकर 31.54 करोड़ डॉलर रह गया है।