भारत में मार्च 2025 में खुदरा महंगाई दर गिरकर 3.34% पर आ गई है। फरवरी में यह 3.61% थी, यानी अब और कम हो गई है। यह जानकारी सरकार ने मंगलवार को जारी की। यह अगस्त 2019 के बाद सबसे कम साल-दर-साल महंगाई है। खास बात यह है कि यह आंकड़ा भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से भी नीचे है और 2% से 6% के दायरे में आराम से बना हुआ है।
थोक महंगाई भी घटी, मार्च में हुई 2.05%
मार्च में थोक महंगाई (WPI) भी घटकर 2.05% हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.38% थी। ये आंकड़े वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी किए। थोक स्तर पर खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दामों में गिरावट आई है, जिससे महंगाई घटी है। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग यानी फैक्ट्रियों में बनने वाले सामानों के दाम थोड़े बढ़े हैं। WPI उन चीज़ों के दाम दिखाता है जो बड़ी मात्रा में थोक में खरीदी और बेची जाती हैं, जैसे कच्चा माल, निर्माण और औद्योगिक सामान। वहीं, खुदरा महंगाई (CPI) वह होती है जो आम लोग बाजार में सामान खरीदते समय महसूस करते हैं।
RBI का अनुमान: FY26 में 4% रहेगी खुदरा महंगाई
RBI ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में खुदरा महंगाई औसतन 4% रहने का अनुमान लगाया है, बशर्ते मॉनसून सामान्य रहे।
RBI ने लगातार दूसरी बार घटाया ब्याज दर
इस महीने की शुरुआत में, RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने एकमत से रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6.0% कर दिया। यह लगातार दूसरी बार कटौती की गई है। इसका मकसद आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देना है और महंगाई को कंट्रोल में रखना है। RBI ने अपनी नीति का रुख अब ‘accommodative’ यानी लचीला कर दिया है, जिसका मतलब है कि आने वाले समय में ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है।