कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों को महंगाई से राहत मिली है। नवंबर में कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर घटकर 5.35 प्रतिशत और ग्रामीण मजदूरों के लिए 5.47 प्रतिशत रह गई। इस साल अक्टूबर में यह क्रमशः 5.96 प्रतिशत और 6 प्रतिशत थी।
श्रम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, कृषि मजदूरों (CPI-AL) और ग्रामीण मजदूरों (CPI-RL) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में नवंबर 2024 में 5 अंक की वृद्धि दर्ज की गई, जो क्रमशः 1,320 और 1,331 के स्तर पर पहुंच गया।
अक्टूबर 2024 में CPI-AL और CPI-RL क्रमशः 1,315 अंक और 1,326 अंक थे।
नवंबर 2024 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) घटकर 1.89% पर आ गई है। इसकी मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों की कीमतों में नरमी रही। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। अक्टूबर 2024 में थोक मुद्रास्फीति 2.36% थी, जबकि नवंबर 2023 में यह सिर्फ 0.39% रही थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 8.63% पर आ गई, जो अक्टूबर में 13.54% थी। सब्जियों की महंगाई में बड़ी गिरावट दर्ज हुई और यह 28.57% रही, जबकि अक्टूबर में यह 63.04% थी।