टीडीएस भुगतान में चूक करने वाले बैंकों पर कसेगा शिकंजा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:56 AM IST

केंद्र सरकार ने स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) संग्रह में कमी से हो रहे राजस्व नुकसान पर अपना रुख सख्त कर लिया है। सरकार ने टीडीएस भुगतान में चूक के मामले में कर अधिकारियों को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार के प्राधिकरण और बैंक टीडीएस भुगतान में खास तौर से कोताही बरत रहे हैं। 
सरकार ने यह पाया था कि बैंक राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्त संस्थाओं और विकास प्राधिकरणों आदि को ब्याज भुगतान पर टीडीएस नहीं काट रहे है। इससे राजस्व नुकसान को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार ने कर प्राधिकरणों को विभिन्न विभागों में बड़े अनुबंधों, उप-अनुबंधों के नियोजित आवंटन पर जानकारियां एकत्र करने के लिए कहा है। सरकार ने उन्हें टीडीएस भुगतान पर भी नजर रखने के लिए कहा है। अनुपालन दुरुस्त करने के लिए कर अधिकारियों को टीडीएस भुगतान में चूक करने वाली इकाइयों की जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं। 

सूत्रों ने कहा कि कर विभाग की नीति निर्धारक इकाई ने वित्त वर्ष 2022 के लिए जारी केंद्रीय कार्य योजना में भी इन उपायों का उल्लेख किया था। केंद्रीय कार्य योजना कर अधिकारियों के लिए पूरे वर्ष के कार्यों की रूप-रेखा तय करती है। समझा जा रहा है कि कर विभाग ने टीडीएस चोरी करने वालों और इसमें चूक करने वालों के खिलाफ त्रि-आयामी नीति तैयार की है। इस नीति के अनुसार टीडीएस चूककर्ताओं को कम से कम 20 ई-पूछताछ और इसके बाद नोटिस भेजे जाएंगे। इस बारे में एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, ‘इन सरकारी विभागों में बड़ी मात्रा में राजस्व अटका हुआ है इसलिए इन उपायों से कर अधिकारी देश भर में कम से कम 500 से अधिक सर्वेक्षण करेंगे।’
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 3.50 लाख करोड़ रुपये (अंतरराष्ट्रीय लेनदेन से संबंधित टीडीएस शामिल नहीं) मूल्य का टीडीएस संग्रह हुआ। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में कंपनियों से 60,591 करोड़ रुपये के टीडीएस प्राप्त हुए, जबकि व्यक्तिगत करदाताओं से 95,644 करोड़ रुपये के टीडीएस प्राप्त हुए।  केंद्रीय कार्य योजना में कुछ खास मानदंडों का जिक्र है जिनके आधार पर टीडीएस जमा नहीं करने वालों के खिलाफ जांच-पड़ताल शुरू की जाएगी। 

कार्य योजना के अनुसार, ‘राज्य सरकारों से टीडीएस संग्रह की प्रक्रिया तेज करने के लिए विभिन्न कर मंडलों के प्रमुख राज्य महालेखाकार और ट्रेजरी से बात करेंगे और त्रुटियां और देरी दूर करने लिए आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। वर्ष में महालेखाकार के साथ दो बैठकें आयोजित की जाएंंगी।’ बैंकों या ग्राहकों द्वारा ऋण एवं क्रेडिट रेंटिंग के लिए दी जा रही फीस, शेयरों के मूल्यांकन, जायदाद और अन्य वस्तुओं की भी जांच होगी। कार्य योजना में कहा गया है, ‘स्रोत पर कर संग्रह के जरिये राजस्व में खासा इजाफा हो सकता है क्योंकि इस प्रावधान के तहत कई क्षेत्र शामिल गए गए हैं।’

First Published : August 13, 2021 | 12:19 AM IST