अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में दिख रहा सुधार : सीतारमण

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:34 PM IST

अर्थव्यवस्था में आए हालिया सुधार को कुछ लोग त्योहारी मांग और टाली गई मांग के निकलने की वजह बता रहे हैं। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों में सुधार दिख रहा है और इसमें आगे और तेजी आने की पूरी संभावना है।
सीतारमण इस बात से भी इत्तफाक नहीं रखती हैं कि समुचित सुधार के लिए 2022-23 तक इंतजार करना होगा। उनका कहना है कि पर्याप्त सुधार अगले वित्त वर्ष में दिख जाएगा और कोविड-19 टीका आने से इसे और गति मिलेगी।
एचटी लीडशिप समिट में वित्त मंत्री ने कहा, ‘चीजें सुधार का संकेत दे रहीं हैं। मैं वी या के आकार की वृद्घि के झंझटों में उलझना नहीं चाहती लेकिन सभी क्षेत्र स्पष्ट तौर पर सुधार के संकेत दे रहे हैं। कुछ लोग इसे टुकड़ो-टुकड़ों में सुधार बता सकते हैं लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले दो महीने में लगातार सुधार का रुख बना हुआ है।’
उन्होंने कहा कि केवल टाली गई मांग के आने या त्योहारी मांग से वस्तु एवं सेवा कर संग्रह लगातार दो महीने एक लाख करोड़ रुपये के पार नहीं पहुंच सकता है।
सीतारमण ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह त्योहारी मांग वाला महीना रहा है और इसका थोड़ा-बहुत असर तो पड़ा ही होगा, जैसा कि हर साल होता है। मैंने कई रिपोर्ट देखी हैं और ऐसे उद्योगों से बात भी कर रही हूं जो क्षमता विस्तार करने की संभावना तलाश रहे हैं।’
निजी निवेश के कमजोर रहने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘आप क्षमता विस्तार देख रहे हैं…यह निजी क्षेत्र में बिना निवेश के नहीं हो सकता है।’
उन्होंने कहा कि क्षमता विस्तार पर काफी निवेश हो रहा है और यह केवल एक इकाई तक सीमित नहीं है बल्कि देश भर में ऐसा किया जा रहा है।
वित्त मंत्री के अनुसार पीएमआई विनिर्माण और सेवा, दोनों सूचकांक से संकेत मिलते हैं कि मांग आ रही है। हालांकि उधारी मांग बढऩे से इसमें और तेजी आ सकती है।
सीतारमण ने कहा, ‘संकेत बताते हैं कि अतिरिक्त मांग आ रही है और मुझे नहीं लगता कि यह त्योहार आधारित मांग है… इसके आगे भी बरकरार रहने की संभावना है।’
उन्होंने कहा कि वह महंगाई को लेकर चिंतित नहीं हैं क्योंकि हरेक मौसम में वस्तुओं की कीमतें ऊपर-नीचे होती रहती हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर आप खाद्यान्न और खाद्य जिसों जैसे फल एवं सब्जियों पर गौर करें तो इनके दाम में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि अंतर-मंत्रालयी समूह इन बदलावों पर नजरें बनाए रखता है और
आपूर्ति में आने वाली किसी तरह की रुकावट दूर करने के लिए समय-समय पर उपयुक्त निर्णय लेता रहता है।’ वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई में तेजी, खास कर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी धीरे-धीरे कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। कुछ समय इनकी कीमतें कम होनी तय है।’
इस सवाल के जवाब में कि क्या आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने के बाद सरकार पर वृद्धि दर बढ़ाने वाला बजट लाने का दबाव सरकार पर बढ़ गया है, सीतारमण ने कहा कि मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति में हमेशा सावधानी से संतुलन बनाए रखना पड़ता है। कोविड-19 से बचााव के लिए टीकाकरण कार्यक्रम पर वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल इस संबंध में विस्तृत बातें सामने आने के बाद ही इस कार्यक्रम के लिए रकम आवंटन पर चर्चा की जा सकती है।

First Published : December 4, 2020 | 11:32 PM IST