अर्थव्यवस्था

करंट अकाउंट डेफिसिट में दूसरी तिमाही में आई मामूली गिरावट, घटकर 11.2 अरब डॉलर रहा: RBI

चालू खाता घाटा अप्रैल-सितंबर (2024-25 की पहली छमाही) के दौरान, 21.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.2 प्रतिशत रहा।

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भाषा   
Last Updated- December 27, 2024 | 7:23 PM IST

देश का चालू खाता घाटा (कैड) 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में मामूली घटकर 11.2 अरब डॉलर रहा। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

देश के बाह्य भुगतान परिदृश्य को बताने वाला कैड 2023-24 की दूसरी तिमाही के दौरान 11.3 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.3 प्रतिशत था। आरबीआई ने कहा, “भारत का कैड 2024-25 की दूसरी तिमाही में मामूली रूप से कम होकर 11.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) रहा, जो 2023-24 की दूसरी तिमाही में 11.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) था।”

चालू खाता घाटा अप्रैल-सितंबर (2024-25 की पहली छमाही) के दौरान, 21.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.2 प्रतिशत रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 20.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) था। भुगतान संतुलन पर आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वस्तु व्यापार घाटा 2024-25 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 75.3 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 की इसी तिमाही में 64.5 अरब डॉलर था।

शुद्ध सेवा प्राप्तियां 2024-25 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 44.5 अरब डॉलर हो गईं, जो एक साल पहले समान अवधि में 39.9 अरब डॉलर थीं।

कंप्यूटर सेवाओं, व्यापार सेवाओं, यात्रा सेवाओं और परिवहन सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में सालाना आधार पर वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, इसके अलावा, मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा भेजे गए धनराशि से संबंधित निजी हस्तांतरण प्राप्तियां 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 31.9 अरब डॉलर हो गईं, जो 2023-24 की दूसरी तिमाही में 28.1 अरब डॉलर थी।

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आरबीआई ने वित्तीय लेखा में कहा कि शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) मद में 2024-25 की दूसरी तिमाही में 2.2 अरब डॉलर की निकासी हुई, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में 0.8 अरब डॉलर की निकासी हुई थी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के तहत शुद्ध प्रवाह 2024-25 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 19.9 अरब डॉलर हो गया, जो उससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.9 अरब डॉलर था।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां (चिकित्सा पर्यटन, अंतरराष्ट्रीय निवेश आय, परामर्श सेवा आदि) 2024-25 की पहली छमाही में 119.0 अरब डॉलर रहीं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 101 अरब डॉलर थी। इसका मुख्य कारण उच्च शुद्ध सेवा प्राप्तियां थीं। इसके अलावा, 2024-25 की पहली छमाही में शुद्ध एफडीआई प्रवाह 4.4 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 की पहली छमाही के 3.9 अरब डॉलर था।

एफपीआई ने 2024-25 की पहली छमाही में 20.8 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया, जबकि एक साल पहले यह 20.7 अरब डॉलर था। आरबीआई ने कहा कि 2024-25 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में (भुगतान संतुलन आधार पर) 23.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।

First Published : December 27, 2024 | 7:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)