भारत चीन में एसएमई व रियल्टी से गिरेगी संपत्ति की गुणवत्ता : एसऐंडपी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:27 AM IST

कोविड-19 महामारी और उसके बाद की स्थिति में तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, भारत, चीन, इंडोनेशिया व थाईलैंड जैसे देशों में संपत्ति की गुणवत्ता कम करने में छोटे व मझोले उद्यम (एसएमई) की प्रमुख भूमिका होगी।
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) के मुताबिक मौजूदा चुनौतीपूर्ण स्थिति में पर्यटन एवं निर्यात केंद्रित एसएमई की स्थिति ज्यादा अस्थिर है।
एसएमई के अलावा रियल एस्टेट एक और क्षेत्र है, जहां उभरते बाजारों में बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, लेकिन एसऐंडपी के मुताबिक तात्कालिक जोखिम प्रबंधन के योग्य नजर आ रहा है।
भारत में एसएमई में सरकार के कदमों की वजह से दबाव कुछ कम हुआ है, जिसमें एसएमई द्वारा उनके कुल कर्ज के 20 प्रतिशत तक लिए गए नए कर्ज को सरकार की गारंटी मिल रही है। इसकी वजह से एसएमई पर नकदी का दबाव कम हुआ है।
चीन में एसएमई का कुल कर्ज कम है, लेकिन यह पिछले कुछ साल में तेजी से बढ़ा है, क्योंकि चीन सरकार ने इस क्षेत्र को कर्ज बढ़ाया है। रूस के बैंकों का एसएमई को कर्ज प्रबंधन योग्य है क्योंकि देश में मझोले व बड़े कारोबारों का दबदबा है।
कोविड-19 महामारी और उसके बाद उभरते बाजार में कर्ज को लेकर दबाव बना रहेगा। भारत सहित उभरते बाजारों में संपत्ति की गुणवत्ता खराब होने जैसे आम जोखिम का सामना करना पड़ेगा। अन्य जोखिमों में उतार-चढ़ाव वाला भूराजनैतिक माहौल या घरेलू नीति में अनिश्चितता शामिल है। कुछ जगहों पर पूंजी प्रवाह को लेकर भी जोखिम है।  रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उभरते बाजारों में रियल एस्टेट क्षेत्र जोखिम का एक और स्रोत है। अनिश्चितता और महामारी के दीर्घावधि असर के कारण वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र में ढांचागत बदलाव आ सकता है। यह बदलाव ग्राहकों के ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह देने, लचीली कार्यप्रणाली से आएगा।

First Published : January 20, 2021 | 11:24 PM IST