पहली छमाही में राज्यों की उधारी 57 प्रतिशत बढ़ी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 11:09 PM IST

वित्त वर्ष 2020-21 की पहती छमाही (सितंबर 2020 तक) में 27 राज्य सरकारों व 2 केंद्र शासित प्रदेशों की संयुक्त बाजार उधारी वित्त वर्ष 20 की समान अवधि की तुलना में 57 प्रतिशत बढ़कर 3.53 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए की गई बंदी के कारण कारोबार और वाणिज्यिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और इसकी वजह से पिछले 6 महीनों में राज्य सरकारों के राजस्व में तेज गिरावट आने से उन पर वित्तीय दबाव है। केयर रेटिंग के मुताबिक ऐसे में राज्य सरकारें बाजार उधारी बढ़ा रही हैं, जिससे उनकी वित्तपोषण की जरूरतें पूरी हो सकें।
अप्रैल-सितंबर 2019 (वित्त वर्ष 20 की पहली छमाही) के दौरान राज्यों ने 2.25 लाख करोड़ रुपये उधारी ली थी।
उधारी कैलेंडर के मुताबिक राज्यों को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में 3.05 लाख करोड़ रुपये उधारी लेनी थी। बहरहाल इस अवधि के दौरान उधारी 16 प्रतिशत या 48,115 करोड़ रुपये ज्यादा है। केयर ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही के लिए उधारी कैलेंडर की घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी।
राज्य सरकार विकास ऋण (एसडीएल) में बढ़ोतरी का असर उधारी की लागत पर भी नजर आ रहा है और खासकर यह सितंबर 2020 में बढ़ी है। बहरहाल सितंबर में प्रतिफल अप्रैल की तुलना में कम रहा, क्योंकि रिजर्व बैंक ने अप्रैल सितंबर 2020 के दौरान व्यवस्था में बड़े पैमाने पर नकदी डाली है।
राज्य सरकारों की तिथिवार प्रतिभूतियों की नीलामी का भारित औसत प्रतिफल 29 सितंबर को 6.57 प्रतिशत रहा, जो एक सप्ताह पहले की तुलना में 12 आधार अंक ज्यादा है और सितंबर 20 के मध्य की तुलना में 24 आधार अंक ज्यादा है।
10 साल के एसडीएल और भारत सरकार के बॉन्डों के बीच स्प्रेड बढ़कर 4 महीने के उच्चतम स्तर 86 आधार अंक पर पहुंच गया है। इसमें कहा गया है कि राज्यों की करीब 40 प्रतिशत उधारी एसडीएल जारी करके होती है, जिसकी अवधि 10 साल होती है।
राज्य सरकार के 10 साल के बॉन्ड का भारित औसत प्रतिफल अप्रैल 2020 में 7,63 प्रतिशत रहा, जो सितंबर 2020 में 6.87 प्रतिशत है। अगस्त में प्रतिफल करीब 6.45 से 6.47 प्रतिशत के बीच था।

First Published : October 2, 2020 | 11:35 PM IST