देश कोविड की दूसरी और ज्यादा तेज लहर से जूझ रहा है, इसलिए राज्य पिछले छह महीने से टल रही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक जल्द बुलाने की मांग कर रहे हैं। राज्य बैठक इसलिए बुलाना चाहते हैं क्योंकि कुछ प्रमुख दवाओं और उपकरणों पर कर में कटौती की मांग बढ़ रही है। बैठक में राज्य जीएसटी प्रणाली के तहत हर्जाने की अवधि को जुलाई 2022 से आगे बढ़ाने पर चर्चा भी चाहते हैं क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति पर अनिश्चितता के बाद मंडरा रहे हैं।
राज्यों की मांग है कि रेमडेसिविर, इलाज में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन गैस तथा संबंधित सामग्री को जीएसटी से मुक्त कर दिया जाए। फिलहाल इन पर 12 फीसदी कर लगता है। बैठक के अन्य प्रमुख मुद्दों में जीएसटी कर श्रेणियों को तर्कसंगत बनाना, कुछ उत्पादों पर उल्टे शुल्क ढांचे को दुरुस्त करना और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी प्रणाली में शामिल करना हैं। नियमों के मुताबिक परिषद की बैठक कम से कम तीन महीने में एक बार जरूर होनी चाहिए मगर इस बार छह महीने बैठक नहीं होने के कारण चिंता बढ़ गई है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनका राज्य केंद्र को रेमडेसिविर और संबंधित उपकरणों पर जीएसटी माफ करने के लिए पत्र लिखेगा। देव परिषद में राज्य के प्रतिनिधि हैं। देव ने कहा, ‘हम रेमडेसिविर और उससे संबंधित सामग्री पर जीएसटी खत्म कराना चाहते हैं मगर उसके लिए जीएसटी परिषद की बैठक जरूरी है। इसकी वर्चुअल बैठक तो होनी ही चाहिए।’ देश भर में रेमडेसिविर दवा की किल्लत है, इसलिए छत्तीसगढ़ ने दवा कंपनी मायलन लैबोरेटरीज को 90,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन का ठेका दिया है। यह ठेका 14.11 करोड़ रुपये का है। देव ने कहा, ‘हमने मायलन लैबोरेटरीज को 1,400 रुपये कीमत और 12 फीसदी जीएसटी की दर पर 90,000 इंजेक्शन का ऑर्डर दिया है। करीब 2,000 इंजेक्शन दो दिन में 28,000 एक सप्ताह में मिल जाएंगे। इस तरह एक सप्ताह में 30,000 इंजेक्शन आ जाएंगे।’
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि राज्यों को परिषद में जीएसटी हर्जाना जुलाई 2022 से आगे बढ़ाने पर चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है। बादल ने कहा, ‘नियमों के मुताबिक हर तिमाही में परिषद की बैठक जरूरी है। यह जीएसटी प्रणाली को दुरुस्त करने का समय है। अगर यह काम शुरुआती चरण यानी पांच साल से कम समय में नहीं किया गया तो यह दुरुस्त नहीं हो पाएगी।’ परिषद की पिछली बैठक पिछले साल 12 अक्टूबर को हुई थी।