बुनियादी उद्योगों में दिखा दम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:10 AM IST

बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन मई माह के दौरान एक साल पहले के मुकाबले 16.8 फीसदी बढ़ा। अप्रैल में इस क्षेत्र के उत्पादन में 60.9 फीसदी की जोरदार वृद्घि दर्ज की गई थी। हालांकि उत्पादन में यह तेजी कम आधार की वजह से दिख रही है क्योंकि पिछले साल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण कारखाने बंद थे।
कम आधार का प्रभाव मई में रहा लेकिन महामारी की दूसरी लहर का बुनियादी उद्योगों के उत्पादन पर असर साफ दिखा क्योंकि अप्रैल के मुकाबले इसमें गिरावट आई है। असल में कोरोना की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए कई राज्यों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन किया था, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ है।
वाणिज्यि एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मई के दौरान बुनियादी क्षेत्र का उत्पादन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 35.8 फीसदी बढ़ा है।
देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में आठ प्रमुख क्षेत्रों – कोयला, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और कच्चे तेल की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार आठ क्षेत्रों में से उर्वरक और कच्चे तेल को छोड़ दें तो सभी क्षेत्रों का उत्पादन मई में पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। मई में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 20.1 फीसदी, रिफाइनरी का 15.3 फीसदी, स्टील का 59.3 फीसदी और सीमेंट का उत्पादन 7.9 फीसदी बढ़ा है।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अगर इसकी तुलना अन्य आंकड़ों जैसे राजकोषीय आंकड़ों से करें तो पता चलता है कि स्टील और सीमेंट क्षेत्र को सरकार की पूंजीगत व्यय योजना से लाभ मिला है। इसलिए उत्पादन में वृद्घि के पीछे असली वजह बुनियादी क्षेत्रों को बढ़ावा देना है।’
हालांकि पिछले महीने से तुलना करें तो स्टील, रिफाइनरी उत्पादों, सीमेंट, बिजली और कच्चे तेल के उत्पादन में कमी आई है। लेकिन इसकी वजह स्थानीय लॉकडाउन मानी जा सकती है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘राज्य सरकार की पाबंदियों के बीच निर्माण गतिविधियों को अनुमति दी गई थी, इसके बावजूद मई में अप्रैल की तुलना में सीमेंट के उत्पादन में मामूली वृद्घि देखी गई, वहीं मई 2019 की तुलना में इसमें तेज गिरावट (15.2 फीसदी) आई है। इससे पता चलता है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण मांग प्रभावित हुई है और मई, 2021 में सरकार का पूंजीगत व्यय भी कम रहा है।’

First Published : June 30, 2021 | 11:50 PM IST