टिकाऊ वृद्धि के लिए संरचनात्मक सुधार कीमत स्थिरता जरूरी : आरबीआई रिपोर्ट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:25 PM IST

देश में मध्यम अवधि में 6.5-8.5 फीसदी की टिकाऊ  आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए संरचनात्मक सुधार एवं कीमतों में स्थिरता होना बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
आरबीआई की वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा एवं वित्त पर जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति के बीच समय-समय पर संतुलन बनाए रखना स्थिर वृद्धि की दिशा में पहला कदम होना चाहिए।
कोविड के बाद टिकाऊ सुधार और मध्यम अवधि में बढ़त का रुख प्रशस्त करने के संदर्भ में वर्ष 2021-22 के लिए इस रिपोर्ट का विषय ‘पुनर्जीवित और पुनर्निर्माण’ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले पांच वर्षों में सरकार के सामान्य ऋण को कम करके जीडीपी का 66 प्रतिशत से नीचे करना देश की मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं को सुरक्षित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड के कारण देश को जो नुकसान पहुंचा है, उससे उबरने में कई वर्षों का समय लगेगा। केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत इन नुकसानों से वर्ष 2034-35 तक ही उबर पाएगा।
रिपोर्ट में वृद्धि के मुकाबले मुद्रास्फीति को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि मजबूत और सतत विकास के लिए मूल्य स्थिरता एक आवश्यक पूर्व शर्त है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट योगदानकर्ताओं के विचारों को दर्शाती है, न कि रिजर्व बैंक के विचारों को। प्रस्तावना में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोविड-19 संकट के दौरान कृषि और संबद्ध गतिविधियों, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं, निर्यात, डिजिटलीकरण तथा नवीकरणीय ऊर्जा जैसे कुछ क्षेत्रों का लचीलापन हमें इस बात का विश्वास दिलाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वापसी का मजबूत मंच बन सकती है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से कुछ अन्य क्षेत्रों मेंं इस संकट के दौरान पुनर्निर्माण और पुनर्संयोजन किया गया था, उससे यह विश्वास और बढ़ जाता है।
इस रिपोर्ट में कई संरचनात्मक सुधारों का सुझाव दिया गया है। इसमें मुकदमेबाजी के झंझट से मुक्त कम लागत वाली  जमीन तक पहुंच बढ़ाने, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाकर और स्किल इंडिया मिशन के जरिये श्रम की गुणवत्ता सुधारने और नवाचार एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित शोध-विकास गतिविधियां बढ़ाने का सुझाव शामिल है।
रिपोर्ट में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न के लिए अनुकूल माहौल बनाने, अक्षमताओं को बढ़ावा देने वाली सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने का भी सुझाव दिया है।

First Published : April 30, 2022 | 12:55 AM IST