एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंगस ने बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव और अपेक्षा से लंबे रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर आजवित्त वर्ष 23 के लिए भारत के वृद्धि के पूर्वानुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के मामले में भारत के लिए मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को 90 आधार अंक (बीपीएस) तक बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।
एसऐंडपी ने अपने ग्लोबल मैक्रो अपडेट में कहा कि मार्च के आखिर में वृद्धि के हमारे सबसे ताजा पूर्वानुमान के बाद से कई विस्तृत अर्थव्यवस्था के कई घटक बिगड़ चुके हैं, जिनमें कई देशों में पहली तिमाही के कमजोर आंकड़े, ऊर्जा और जिंसों के अधिक दाम, अपेक्षा से अधिक लंबा रूस-यूके्रन संघर्ष, मौद्रिक नीति को तेजी से सामान्य करना और चीन की धीमी वृद्धि शामिल हैं।
रेटिंग एजेंसी ने वर्ष 2022 के लिए अमेरिका के वृद्धि अनुमान को भी 80 बीपीएस तक घटाकर 2.4 प्रतिशत कर दिया, जबकि चीन की वृद्धि का पूर्वानुमान अब 4.2 प्रतिशत है, जो मार्च के पूर्वानुमान से 70 बीपीएस कम है।
एसऐंडपी ने कहा कि मौद्रिक नीति का तेजी से सामान्यीकरण पहले की गई अपेक्षा के मुकाबले मांग को और धीमा कर देगा। कुछेक अपवादों के साथ, जिनमें से कई एशिया-प्रशांत में हैं, केंद्रीय बैंक हमारे पिछले दौर के पूर्वानुमान की तुलना में जल्दी और तेजी सेे दरों में इजाफा कर रहे हैं या उनके द्वारा ऐसा किए जाने की उम्मीद है।