अगर आपने आयकर जमा करने में हेराफेरी की है या ऐसा सोच रहे हैं, तो खबरदार हो जाइये।
इस बार ऐसी हरकत किसी को भी भारी पड़ सकती है क्योंकि आयकर विभाग प्रत्यक्ष कर की वसूली बढ़ाने के लिए इस बार हरेक संसाधन को निचोड़ने के लिए तैयार है।
विभाग ने चालू वित्त वर्ष में कर वसूली का लक्ष्य तकरीबन 130 फीसदी बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ कर दिया है। इसलिए आयकर चोरी करने वालों पर विभाग की नजर रहेगी।
दरअसल विभाग ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर वसूली का जो लक्ष्य रखा था, यह राशि उसकी एक तिहाई है। पिछले दो महीनों में कर संग्रह में कमी आई है, इसलिए 3,65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग प्रत्येक आयकर रिटर्न की पूरी छानबीन करेगा।
ऐसे लोगों पर भी नजर है, जिन्हें आयकर हेराफेरी के कारण नोटिस थमाए गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी)के चेयरमैन एन बी सिंह ने कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत देखकर हमें लगता है कि इस साल लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा।
लेकिन हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमने कर निर्धारण करने, मांग बढ़ाने और मार्च से पहले कर जमा कर लेने की मुहिम छेड़ दी है।’
दिसंबर 2007 तक विभाग ने कर मांग में 54,054 करोड़ रुपये का इजाफा किया था। मार्च तक 73,000 करोड़ रुपये की कुल कर मांग का 27 फीसदी हिस्सा वसूल लिया गया था। आयकर विभाग को इस साल आंकड़ा कहीं ज्यादा रहने की उम्मीद है।
सीबीडीटी के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस साल हम पिछले साल दिसंबर की अपेक्षा 70,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर वसूली का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं। हम इसमें ज्यादा से ज्यादा इजाफा करने की कोशिश करेंगे, ताकि कर वसूली के लक्ष्य और वास्तविक वसूली के बीच अंतर को कम किया जा सके।’
चालू वित्त वर्ष में 29 जनवरी तक प्रत्यक्ष कर वसूली का आंकड़ा 2,47,131 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 11.9 फीसदी ज्यादा है। लक्ष्य के मुताबिक यह इजाफा 16.9 फीसदी होना चाहिए था।
चालू वित्त वर्ष खत्म होने में 2 महीने ही बचे हैं, इसलिए विभाग की मुहिम भी तेज हो गई है। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा कर वसूला जा रहा है और कर चोरी करने वालों को भी पकड़ा जा रहा है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह का दूसरा बड़ा स्रोत अग्रिम कर है, जो कॉर्पोरेट मुनाफे पर आर्थिक मंदी के असर की वजह से वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान 22 फीसदी कम हो गया है।
रिटर्न की छानबीन करने पर कितना जोर दिया जा रहा है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि दिसंबर तक ऐसी छानबीन के मामलों में 61 फीसदी का इजाफा हुआ था।
पिछले वित्त वर्ष में दिसंबर तक 3,31,000 मामलों की छानबीन हुई थी, लेकिन चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5,34,000 मामले निपटाए जा चुके हैं।
छानबीन के लिए मामले कई पैमानों के आधार पर लिए जाते हैं। इनमें कंप्यूटर से छंटनी भी होती है और मुख्य आयकर आयुक्त की ओर से आए मामले भी शामिल होते हैं।
सख्त हुआ विभाग
आयकर में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त अभियान
कर वसूली का लक्ष्य बढ़कर हुआ 1,30,000 करोड़ रुपये
आयकर रिटर्र्न की होगी छानबीन
29 जनवरी तक प्रत्यक्ष कर वसूली का आंकड़ा पिछले साल से 11.9 फीसदी ज्यादा
होना चाहिए 16.9 फीसदी इजाफा