केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) फिटमेंट समिति ने कोविड महामारी को देखते हुए चार चीजों – ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, चिकित्सकीय उपयोग वाले ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर और जांच किट्स पर अस्थायी तौर पर दर में कटौती कर इसे 5 फीसदी के दायरे में रखने की सिफारिश की है। समिति दरों में बदलाव की सिफारिश जीएसटी परिषद को करती है, जिसके आधार पर परिषद उस पर विचार करती है। हालांकि समिति ने कोविड-19 से संबंधित दवाइयों, टीकों, वेंटिलेटर, तापमान मापने के उपकरण, आरटी पीसीआर मशीनों, एंबुलेंस आदि पर दर में कटौती करने या कर छूट देने की मांग को खारिज कर दिया है।
समिति का प्रस्ताव शुक्रवार को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। करीब सात महीने के अंतराल के बाद 43वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने जा रही है। राज्यों के वित्त मंत्री बैठक में महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए कोविड-19 से संबंधित चिकित्सकीय आपूर्ति जैसे कि दवाएं और उपकरणों को जीएसटी से छूट देने पर जोर दे सकते हैं। फिटमेंट समिति ने चिकित्सकीय ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और ऑक्सीमीटर पर जीएसटी दर मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की सिफारिश की है। हालांकि दर में यह कटौती 31 जुलाई, 2021 तक ही रखने की बात कही गई है। समिति ने कहा कि जीएसटी को पूरी तरह से माफ करना व्यावहारिक नहीं होगा क्योंकि घरेलू विनिर्माता वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए कर का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर पाएंगे। कोविड जांच किट के मामले में समिति ने 31 अगस्त तक दर 12 से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है।
हालांकि समिति ने वेंटिलेटर पर दर में कटौती की मांग को खारिज कर दिया है। इस पर मौजूदा समय में 12 फीसदी जीएसटी लगता है। समिति का तर्क है कि इसकी खरीद व्यक्तिगत स्तर पर नहीं की जाती है और न ही यह ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की तरह महत्त्वपूर्ण है और न तो इसकी आपूर्ति में कमी है। जहां तक कोविड संबंधित दवाइयों की बात है तो फिटमेंट समिति का तर्क है कि कोविड के उपचार में उपयोग होने वाली अधिकांश दवाओं पर 12 फीसदी या 5 फीसदी रियायती दर से कर लगता है। समिति ने कहा, ‘दवाओं के उपयोग पर कोविड उपचार संबंधी प्रोटोकॉल नए अनुभवों और अध्ययन के आधार पर बदलते रहते हैं। इसीलिए समिति की राय है कि कोविड संबंधित दवाओं पर जीएसटी दर कम होनी चाहिए, लेकिन कोविड उपचार के लिए किसी खास दवा को चिह्नित करना व्यावहारिक नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आधिकारिक चिकित्सा सूची से हटा दिया है। समिति ने कहा, ‘अगर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय आगे किसी दवा को विशिष्ट तौर पर उपचार के लिए सिफारिश करता है तो उस पर जीएसटी में रियायत की समीक्षा की जा सकती है।’
समिति ने हैंड सैनिटाइजर पर भी दर में कटौती की मांग को खारिज कर दिया। समिति का तर्क है कि यह सामान्य उपयोग की चीज है और साबुन भी 18 फीसदी कर दायरे में आता है।