अर्थव्यवस्था

आ​र्थिक बुनियाद मजबूत, तेजी से पटरी पर लौट रही है अर्थव्यवस्था: निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने मंगलवार को लोक सभा में बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कहा, ‘पिछली 12 तिमाहियों में केवल 2 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.4 प्रतिशत या इससे कम रही है।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- February 12, 2025 | 8:44 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आर्थिक बुनियाद मजबूत रहने से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भारत का दुनिया में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखने के लिए सभी उपाय करेगी। सीतारमण ने मंगलवार को लोक सभा में बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कहा, ‘पिछली 12 तिमाहियों में केवल 2 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.4 प्रतिशत या इससे कम रही है। मैं माननीय सदस्यों को यह बताना चाहता हूं कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था बुनियाद काफी मजबूत है इसलिए यह तेजी से अपने पुराने रंग में लौट रही है।‘

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 6.4 प्रतिशत दर से वृद्धि करेगी और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रह सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग मजबूत रहने से वित्त वर्ष 2024-25 में निजी अंतिम उपभोग में 7.5 प्रतिशत तेजी आने का अनुमान था और यह नॉमिनल जीडीपी का 61.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2002-03 के बाद सबसे अधिक होगा।

उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में दुनिया काफी बदल गई है। अब दुनिया में किसी भी देश के लिए बजट तैयार करना पहले की तुलना में काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।‘ वित्त मंत्री ने दुनिया में अनिश्चितताओं जैसे पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी और तेजी से उभरते बाजारों में ऊंची मुद्रास्फीति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में इस बजट में देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद चुनौतियों को दूर करने के उपाय किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट का मुख्य लक्ष्य आर्थिक वृद्धि दर को गति देना और समावेशी विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि बजट में निजी क्षेत्रों को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं लोगों के पास अधिक रकम बचाने के भी उपाय किए गए हैं। सीतारमण ने कहा, ‘हम देश में रोजगार आधारित विकास, घरेलू उपभोग बढ़ाना और विनिर्माण को बढ़ावा देना चाहते हैं। हम देश से निर्यात बढ़ाने के साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत व्यय भी जारी रखना चाहते हैं और निजी क्षेत्र को निवेश और बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। ‘

उन्होंने कहा कि 2025-26 के बजट अनुमान में पूंजीगत परिसंपत्तियां तैयार करने के लिए प्रमुख पूंजी आवंटन और अनुदान सहित 15.48 लाख करोड़ रुपये प्रभावी पूंजीगत व्यय के प्रावधान किए गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान में यह रकम 13.18 लाख करोड़ रुपये रही थी। अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय जीडीपी का 4.3 प्रतिशत और राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सीतारमण ने कहा, सरकार उधार ली हुई पूरी रकम का इस्तेमाल प्रभावी पूंजीगत व्यय के लिए कर रही है। किसी भी पूंजीगत व्यय खातों के लिए रकम की कमी नहीं होने दी जा रही है।

वित्त मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि प्रत्येक वर्ष राज्यों को अधिक रकम स्थानांतरित की जा रही है। उन्होंने कहा कि बजट में एकल अधिकार प्राप्त खाते (सिंगल नोडल अकाउंट) की स्थिति पर लेखा-जोखा भी पेश किया गया है जिसमें कहा गया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक राज्यों के खाते में 1 लाख करोड़ रुपये बच गए थे जो खर्च नहीं हो पाए थे।

राज्य सरकार प्रत्येक योजना के लिए सिंगल नोडल एजेंसी अधिकृत करती है और अधिसूचित वाणिज्यिक बैंक में इसका खाता खोलती है। इस ढांचे की मदद से व्यय के आधार पर राज्यों को समय पर योजना के लिए रकम आवंटित करने में मदद मिलती है। सीतारमण ने कहा, ‘हालांकि, इससे राज्यों के लिए क्रियान्वयन से जुड़ी चुनौतियों का भी पता और इनसे निपटने के लिए आवश्यक कदमों की जरूरत का पता चलता है।‘

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र के साथ ही राज्यों को भी ऋण में कमी और इसे एक संतुलित स्तर तक लाने का प्रयास करना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में रखना सरकार की शीर्ष वरीयता रही है और यह 2 से 6 प्रतिशत के बीच रही है।

First Published : February 11, 2025 | 11:14 PM IST