अर्थव्यवस्था

IT इंडस्ट्री अगले वित्त वर्ष में होगा 300 अरब डॉलर के पार, एक्सपर्ट ने कहा- आगे भी भर्तियां होती रहेंगी

वृहद वै​श्विक चुनौतियों के प्रभाव में भारतीय आईटी उद्योग की वृद्धि रफ्तार लगातार निचले एकल अंक में बरकरार है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- February 24, 2025 | 10:34 PM IST

भारतीय आईटी उद्योग वित्त वर्ष 2025 में 5.1 फीसदी वृद्धि के साथ 282.6 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2024 में उद्योग ने 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की थी। आईटी उद्योग के प्रतिनि​धि संगठन नैसकॉम ने यह खुलासा किया है। उसने कहा है कि वित्त वर्ष 2026 में भारतीय आईटी उद्योग 300 अरब डॉलर के पार पहुंचने के लिए तैयार है।

वृहद वै​श्विक चुनौतियों के प्रभाव में भारतीय आईटी उद्योग की वृद्धि रफ्तार लगातार निचले एकल अंक में बरकरार है। मगर एक साल पहले के मुकाबले वृद्धि की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ रही है।

नैसकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार ने कहा कि वृद्धि सही राह पर आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024 में भारतीय आईटी उद्योग ने 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की थी और वित्त वर्ष 2025 में यह 5.1 फीसदी रहने की उम्मीद है। अगर उद्योग 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहता है तो वृद्धि दर करीब 6 फीसदी हो जाएगी।

उद्योग ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान 1.26 लाख नई नौकरियां सृजित की। इससे इस क्षेत्र में रोजगार की कुल संख्या बढ़कर 58 लाख हो जाएगी। मगर उद्योग संगठन ने यह नहीं बताया कि वित्त वर्ष 2026 के लिए भर्ती का लक्ष्य क्या होगा। उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग की नियु​क्तियां जारी रहेंगी।

नांबियार ने कहा, ‘भारत का तकनीकी कौशल भविष्य में वृद्धि को संचालित करने वाला एक प्रमुख कारक होगा। 

वित्त वर्ष 2026 के लिए सीईओ का नजरिया काफी हद तक सकारात्मक है लेकिन प्रौ‌‌द्योगिकी एवं एआई खर्च में बढ़ोतरी के साथ वृद्धि की रफ्तार को बनाए रखने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। महत्त्वपूर्ण एवं बुनियादी प्रौ‌द्योगिकी क्षेत्रों में कौशल को बेहतर करना उद्योग की पहली प्राथमिकता होगी।’

घरेलू प्रौद्योगिकी खर्च में लगातार हो रही वृद्धि के कारण भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था ने दूसरे साल भी निर्यात वृद्धि को पीछे छोड़ दिया। घरेलू बाजार से प्राप्त प्रौ‌द्योगिकी आय में वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर और क्लाउड समाधान को तेजी से अपनाए जाने के साथ-साथ डेटा सेंटर की क्षमता में 21 फीसदी की वृद्धि से भी निवेश को बढ़ावा मिला है। 

उद्योग संगठन ने यह भी कहा कि उद्योग के लिए एआई महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है। पिछले साल 10 लाख कर्मचारियों को एआई में प्र​शि​क्षित किया गया था लेकिन वित्त वर्ष 2025 में 73,000 से अधिक लोग उन्नत एआई कौशल में प्र​शि​क्षित हैं।

भारतीय आईटी सेवा उद्योग की आय में अमेरिकी बाजार का योगदान 60 से 62 फीसदी है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क लगाने की धमकी आईटी उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती दिख रही है। मगर इन्फोसिस के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा कि यदि अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों से अमेरिकी कंपनियों को फायदा होता है तो यह भारतीय आईटी उद्योग के लिए शुभ संकेत होगा।

नैसकॉम के वाइस चेयरमैन और फ्रैक्टल के सह-संस्थापक एवं ग्रुप सीईओ श्रीकांत वेलमकन्नी ने कहा, ‘जेन एआई और एआई के बीच का अंतर अब धुंधला होने लगा है। यह प्रौद्योगिकी आपके द्वारा किए जाने वाले कार्यों में भी तेजी ला रही है। जहां तक मांग की बात है तो हमें उसमें काफी हद तक विस्तार दिख रहा है क्योंकि एआई के जरिये हम जिन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं उनकी तादाद में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ऐसे में हमें आपूर्ति के बारे में नए सिरे से विचार करना होगा।’

वित्त वर्ष 2025 के लिए निर्यात आय एक साल पहले के मुकाबले 4.6 फीसदी बढ़कर 244.4 अरब डॉलर होने का अनुमान है। सर्वेक्षण में शामिल 77 फीसदी सीईओ ने बेहतर कारोबारी वृद्धि की उम्मीद जताई जबकि 85 फीसदी सीईओ का मानना था कि वित्त वर्ष 2026 में प्रौद्योगिकी मद में ग्राहकों का खर्च पिछले साल से अधिक अथवा उसके बराबर रहेगा। दिलचस्प है कि 63 फीसदी सीईओ ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2026 में एआई पर निवेश कुल प्रौद्योगिकी खर्च का 10 फसदी से अधिक रहेगा।

First Published : February 24, 2025 | 10:30 PM IST