छोटों के लिए खुलेगा खजाना!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 5:08 AM IST

मंदी की मार से जूझ रहे छोटे और मझोले उद्योगों को कर्ज मुहैया कराने के लिए बैंक अलग से विंडो खोलने और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के लिए तय नियमों पर दोबारा से विचार करने की मांग कर रहे हैं।


सूत्रों का कहना है कि इंडियन बैंक एसोसिएशन और एसएमई प्रतिनिधियों की बुधवार को होने वाली बैठक के बाद इस मुद्दे को रिजर्व बैंक के पास विचार के लिए पेश किया जाएगा।

बैंकर और एसएमई सेक्टर के साथ आयोजित होने वाली बैठक में ऑटो पाट्र्स निर्माता, कपड़ा, रत्न एवं आभूषण आदि कंपनियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

बैंक एसोसिएशन का कहना है कि आर्थिक मंदी की वजह से छोटे-मझोले उद्योग बुरी तरह से तबाह हुए हैं। तमाम लघु उद्योग पूंजी की किल्लत से जूझ रहे हैं।

दरअसल, कर्ज भुगतान में देरी की वजह से बैंकों की ओर से उन्हें कर्ज नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, मांग घटने और निर्यात में आई कमी की वजह से छोटे उद्योगों के पास पैसे की कमी हो गई है।

बैंकरों का कहना है कि छोटे उद्योगों की ओर से कहा जा रहा है कि बैंक कर्ज के लिए उन्हें एक साल की छूट दें, जोकि संभव नहीं है। हालांकि बैंक उनकी मदद के लिए अन्य उपायों पर विचार कर रहे हैं।

इनमें गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के नियमों में राहत देने की बात की जा रही है। इसके तहत रिजर्व बैंक से कहा जाएगा कि एनपीए की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन की जाए, ताकि बैंक इन उद्योगों को आसानी से कर्ज दे सकें।

बैंकरों का कहना है कि वे छोटे-मझोले उद्योगों के लिए स्पेशल विंडो खोलने की मांग भी कर रहे हैं, ताकि इन उद्योगों को आसानी से कर्ज मुहैया कराया जा सके।

इससे पहले म्युचुअल फंड और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कर्ज मुहैया कराने के लिए भी रिजर्व बैंक की ओर से स्पेशल विंडो खोला गया था।

एक बैंकर का कहना है कि उद्योगों की सलाह से बैंकर स्पेशल विंडो के लिए कुल रकम और योजना के बारे में प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं, जिसे रिजर्व बैंक को सौंपा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इस माह की शुरुआत में आरबीआई की ओर से निर्यातकों को कम दर एक्सपोर्ट क्रेडिट की सुविधा भी मुहैया कराई गई थी, जिसकी अवधि 180 दिन से 270 दिन तय की गई थी।

मंदी से बेहाल छोटे-मझोले उद्योगों को कर्ज की कवायद तेज


छोटे-मझोले उद्योगों के लिए विशेष विंडो खोलने पर विचार

गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों नियमों में बदलाव की भी बैंकर कर रहे मांग

उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैंकरों की बैठक  आज

उसके बाद रिजर्व बैंक के सामने पेश किया जाएगा प्रस्ताव

First Published : November 25, 2008 | 11:51 PM IST