भारत सरकार ने 1 अगस्त से पेट्रोलियम कच्चे तेल (petroleum crude) पर विंडफाल टैक्स को 1,600 रुपये से बढ़ाकर 4,250 रुपये प्रति टन कर दिया है।
सोमवार को एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, डीजल पर विंडफाल टैक्स को पहले शून्य (nil) से बढ़ाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। यानी अब इसके लिए निर्यात पर प्रति लीटर 1 रुपये की ड्यूटी लगेगी।
पेट्रोल और एविएशन टरबाइन फ्यूल पर विंडफाल टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्यों और कब लगाया गया विंडफाल टैक्स ?
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विंडफाल टैक्स को शून्य से बढ़ाकर 1,600 भारतीय रुपये प्रति टन कर दिया।
भारत ने पिछले जुलाई में कच्चे तेल उत्पादकों (crude oil producers) पर निंडफाल टैक्स लगाया और गैसोलीन, डीजल और एविएय़न फ्यूल के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी, क्योंकि निजी रिफाइनर घरेलू बिक्री के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ कमाना चाहते थे।
विंडफाल टैक्स ऐसी परिस्थितियों में लगाया जाता है जब किसी बाहरी वजह के चलते किसी कंपनी या इंडस्ट्री एकाएक मुनाफा अचानक से बढ़ जाए। जैसे कि विदेशों में किसी क्राइसिस के दौरान वहां तेल महंगा हो जाए तो इससे कंपनियों का मुनाफा एकाएक बढ़ जाता है।
मई में 4,100 रुपये प्रति टन से सीधा जीरो हुआ था Windfall Tax
भारत सरकार विंडफाल टैक्स की दरों पर हर 15 दिनों में समीक्षा करती है और यह निर्धारित करती है कि कच्चे तेल के निर्यात पर कितने रुपये की ड्यूटी लगाई जाएगी। ड्यूटी का निर्धारण करने के लिए पिछले दो हफ्तों के कच्चे तेल के औसतन भाव के हिसाब से टैक्स के रेट पर विचार किया जाता है। सरकार ने मई में विंडफॉल टैक्स में कटौती की और नई दरें 16 मई से लागू हुई थी। इसके तहत क्रूड पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया था। तब तक यह यह टैक्स, 4,100 रुपये प्रति टन था।
इससे पहले सरकार ने 1 मई को क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को 6,400 रुपये प्रति टन से 4,100 रुपये प्रति टन करने का ऐलान किया था।
विंडफाल टैक्स में बढ़ोतरी का किस पर पड़ेगा असर?
Windfall Tax का असर घरेलू स्तर पर आम लोगों पर नहीं दिखाई देता लेकिन यह असर उन कंपनियों पर देखने को मिलता है जो कम कीमत पर क्रूड ऑयल खरीदती हैं और रिफाइन कर दूसरे देशों को ज्यादा कीमत पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाती हैं। इसी मुनाफे पर सरकार विंडफॉल टैक्स लगाकर कमाई करती है ताकि घरेलू सप्लाई में कोई कमी न आए।