सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता बैंक ऑफ बड़ौदा अंतरराष्ट्रीय कारोबार की पूंजी के एक हिस्से को अपने घरेलू परिचालन में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। बैंक को यहां अधिक मार्जिन और उच्च वॉल्यूम के लिए काफी गुंजाइश दिख रही है।
कोविड वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा पूंजी निवेश के कारण नकदी प्रवाह बढऩे से दुनिया भर में ब्याज दरें घट गई हैं। विकसित बाजारों में ब्याज दरें लगभग शून्य के करीब हैं। घरेलू बाजार (भारत में) शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.8 से 2.9 फीसदी के दायरे में है जबकि वैश्विक बाजारों में यह आंकड़ा 1.2 से 1.3 फीसदी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजीव चड्ढा ने कहा कि यदि आप व्यापक परिप्रेक्ष्य में रुझानों को देखेंगे तो पता चलेगा कि घरेलू खातों में शुद्ध ब्याज मार्जिन अंतरराष्ट्रीय खातों के मुकाबले काफी अधिक है। इसलिए अब एक ऐसे समय में जब पूंजी प्रीमियम पर है तो बैंक को उसके (पूंजी) प्रबंधन में काफी विवेकपूर्ण होना चाहिए।
चड्ढा ने कहा, ‘इसलिए मैं समझता हूं कि दीर्घकालिक रुझान के संदर्भ में हमें अपने अंतरराष्ट्रीय खातों से पूंजी का हस्तांतरण घरेलू खातों में करना चाहिए।’ हालांकि बैंक ने यह नहीं बताया है कि वह कितनी पूंजी भारत लाने की तैयारी कर रहा है।
बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 14.99 फीसदी था जो मार्च 2020 में 13.3 फीसदी रहा था। बैंक की अपनी शाखाओं, सहायक इकाइयों और संयुक्त उद्यमों के जरिये पश्चिम एशिया, अफ्रीका, ब्रिटेन, एशिया प्रशांत और अमेरिका में उल्लेखनीय पहुंच है।