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बड़ौदा यूपी बैंक: शाखा घटेंगी, 268 शाखाओं का होगा विलय या होंगी बंद

सरकार ने 2019 में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, पूर्वांचल बैंक और काशी गोमती संयुक्त बैंक का विलय कर बड़ौदा यूपी बैंक (BUPB) बनाया था

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मनोजित साहा   
Last Updated- August 28, 2023 | 10:08 PM IST

बड़ौदा यूपी बैंक (बीयूपीबी)ने उत्तर प्रदेश के अर्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी 268 शाखाओं के विलय या बंद करने का फैसला किया है। बैंक ने यह निर्णय संगठनात्मक ढांचे में बदलाव व प्रक्रियाओं में सुधार के लिए किया है। बड़ौदा यूपी बैंक का प्रायोजक बैंक ऑफ बड़ौदा है। गोरखपुर स्थित इस संगठनात्मक बदलाव के लिए बोस्टन कंसल्टिंग समूह को नियुक्त किया है। इस बैंक की 1982 शाखाएं हैं। यह किसी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की अपनी शाखाओं को तर्कसंगत बनाने की सबसे बड़ी कवायद में से एक हो सकती है।

अयोध्या को छोड़कर बैंक के सभी 29 क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधकों से संबंधित शाखाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी गई है। यह दस्तावेज बिज़नेस स्टैंडर्ड ने देखा है। इसके मुताबिक संगठनात्मक बदलाव के लिए शाखाओं को चिह्नित करना प्रमुख हैं। इसमें 268 शाखाओं का विलय या बंद करना शामिल है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने शाखाओं और कर्मचारियों के संगठनात्मक बदलाव के बारे में ईमेल भेजा था लेकिन खबर लिखे जाने तक इसका जवाब नहीं आया।

भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की स्थापना आरआरबी अधिनियम 1976 [23(1)] के तहत की गई थी। सरकार ने 2019 में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, पूर्वांचल बैंक और काशी गोमती संयुक्त बैंक का विलय कर बड़ौदा यूपी बैंक (बीयूपीबी) बनाया था और इसका प्रायोजक बैंक ऑफ बड़ौदा बनाया गया था।

बड़ौदा यूपी बैंक का मुख्यालय 1 अप्रैल, 2020 से गोरखपुर हो गया। बड़ौदा यूपी बैंक में 31 मार्च, 2022 तक कुल जमा राशि 52,391 करोड़ रुपये थी और अग्रिम राशि 20,218 करोड़ रुपये थी। बैंक ने वित्त वर्ष 23 में 62 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था जबकि बीते साल 91 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दिया था।

First Published : August 28, 2023 | 10:08 PM IST