दुबई के अरबपति बीआर शेट्टी बीआरएस समूह की कंपनियों के बीच रकम हस्तांतरण की जांच करने वाले दुबई के फोरेंसिक ऑडिटर वाइज हाउस कंसल्टेंट्स से क्लीनचिट मिलने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के खिलाफ अदालत में शिकायत करने की योजना बना रहे हैं।
फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि शेट्टी न केवल एक जटिल वित्तीय घोटाले का शिकार हुए जिसमें उनके समूह के शीर्ष अधिकारियों को शामिल किया गया था, बल्कि मीडिया और बैंकों द्वारा एक डिफॉल्टर के रूप में उन पर गलत तरीके से निशाना साधा गया। शेट्टी ने दुबई में जमीन स्तर से अरबों डॉलर का कारोबार खड़ा किया है। वह फिलहाल भारत में हैं और अपने कारोबार की देखभाल के लिए दुबई लौटने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा जारी यात्रा प्रतिबंध उनकी उड़ान योजनाओं के लिए एक बड़ी बाधा है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने ऑडिट रिपोर्ट के बारे में खबर लिखे जाने तक कोई टिप्पणी नहीं की। संपर्क करने पर शेट्टी ने भी ऑडिट रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की। उन्होंने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी।
इसी साल 1 मई को जारी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वाइज हाउस के ऑडिटर मोहम्मद सोलिमन उमर ने दुबई के बीआरएस ग्रुप की प्रमुख कंपनी एनएमसी हेल्थ द्वारा घोषित ऋण संकट की जांच की। जांच के बाद पता चला कि शेट्टी ने कोई वित्तीय नतीजा जारी नहीं किया था और किसी भी अघोषित ऋण के साथ उनका कोई संबंध नहीं था। साल 2020 में 4 अरब डॉलर के अघोषित ऋण का पता लगने के बाद लंदन में सूचीबद्ध एनएमसी हेल्थकेयर के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की थी।
ऑडिटरों ने बैंक ऑफ बड़ौदा में शेट्टी के निजी खाते के लेनदेन की भी जांच की और पाया कि एनएमसी के वरिष्ठ प्रबधन ने अपने पूर्व मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) प्रशांत मंगत के नेतृत्व में धोखाधड़ी वाले कई लेनदेन को अंजाम दिया था। इसके तहत एनएमसी से रकम का हस्तांतरण शेट्टी के निजी खाते में किया गया और उसके बाद धोखाधड़ी एवं फर्जी बैंक हस्तांतरण ऑर्डरों का उपयोग करते हुए तीसरे पक्ष को रकम हस्तांतरित किए गए।
जांच से स्पष्ट हुआ कि यूएई एक्सचेंज के पूर्व सीईओ प्रमथ मंगत और यूएई एक्सचेंज के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रदीप कुमार ने नैशनल बैंक ऑफ फुजैराह (एनबीएफ) में जाली हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए शेट्टी के नाम पर एक खाता खुलवाया था। उन्होंने रकम को एनबीएफ खाते में हस्तांतरित करते हुए यूएई एक्सचेंज की रकम का गबन किया।