कोविड-19 की दूसरीलहर का शुरुआती असर बैंक ग्राहकों पर दिखना शुरू हो गया है। एचडीएफसी बैंक के मुताबिक अप्रैल के मध्य में चेक बाउंसिंग के मामले बढ़े हैं।
अप्रैल 2021 (महीने के आधे हिस्से में) चेक बाउंस के मामले थोड़े बढ़े हैं, संभवत: यह स्वास्थ्य की खराब होती स्थिति के दौर की अफरातफरी के कारण है। चौथी तिमाही के परिणाम की घोषणा के बाद एक विश्लेषक द्वारा पूछे जाने पर बैंक अधिकारियों ने कहा कि यह ट्रेंड जारी रहेगा (क्या ऐसी स्थिति ज्यादा समय तक बनी रहेगी) या नहीं, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है।
मार्च की तुलना में अप्रैल में बाउंस के मामले ज्यादा हैं। इस तरह से स्थिति बदली है। अक्टूबर से मार्च तक मांग के समाधान और चेक बाउंस के मामलों में साफतौर पर सुधार था। घरेलू ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक बाउंस की दर 21 जनवरी के स्तर पर पहुंच गई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में ज्यादा चेक बाउंस हो रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के मुताबिक ऐसा भी समय रहा है, जब भुगतान करने वाला बैंक या भुगतान पाने वाला बैंक इस प्रतिबद्धता का सम्मान करने से इनकार कर देते थे। इनकार करने की अलग-अलग वजहें हो सकती हैं। ऐसे मामले में चेक बाउंस होता है और इसे डिसऑनर्ड चेक कहा जाता है।
एक और घरेलू ब्रोकिंग इकाी एमके ने अपने रिसर्च नोट में लिखा है कि वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही के प्रदर्शन के मुताबिक गैर निष्पादित संपत्तियां इसके पहले की तीसरी तिमाही के 1.4 प्रतिशत की तुलना में 1.3 प्रतिशत रहीं। लेकिन बैंकों में ईएमआई बाउंस के मामले बढ़ रहे हैं और कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन का असर पड़ा है।
बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य की स्थितियों के हिसाब से व्यवस्था कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रही है। बहरहाल अभी इसका असर वित्तीय व्यवस्था पर नहीं पड़ा है।
जब हम पहले चरण और दूसरे चरण में मेडिकल की स्थिति और वित्तीय स्थिति पर विचार करते हैं तो दूसरी लहर में अंतर बहुत ज्यादा है। वित्तीय स्थिति उतनी खराब नहीं हैं।
उधर बैंक ने बीएसई को सूचना दी है कि उसके बोर्ड ने टियर 1 कैपिटल, टियर 2 कैपिटल बॉन्ड और दीर्घावधि पत्र के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दे दी है। बुनियादी ढांचा और सस्ते आवास के वित्तपोषण के लिए दीर्घावधि प्रतिभूतियों वाले बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया जाएगा। यह मंजूरी 12 महीने के लिए वैध है और यह शेयरधारकों की सालाना आम बैठक और नियामकीय अनुमति पर निर्भर होगा।
जॉनसन से भारत यात्रा रद्द करने की मांग
ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी ने भी रविवार को मांग की कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत में पाए गए कोरोना वायरस के ‘दोहरे उत्परिवर्तन’ वाले स्वरूप के चलते नई दिल्ली की अपनी यात्रा रद्द कर देनी चाहिए। जॉनसन की भारत यात्रा अगले रविवार से शुरू होनी है। ब्रिटेन में विभिन्न तबकों की ओर से यह मांग की जा रही है कि कोरोनावायरस के भारत में पाए गए स्वरूप के चलते जॉनसन को नई दिल्ली की यात्रा करने से बचना चाहिए। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा है कि ब्रिटेन में पिछले महीने से कोरोना वायरस के तथाकथित ‘डबल म्यूटैंट’ भारतीय स्वरूप से जुड़े 77 मामले सामने आए हैं। वायरस के इस स्वरूप को ‘वैरियंट अंडर इन्वेस्टिगेशन’ (वीयूआई) श्रेणी में रखा गया है। भाषा