अक्टूबर महीने में क्रेडिट कार्ड से व्यय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद नवंबर में पिछले माह की तुलना में 11.6 प्रतिशत की कमी आई है। बहरहाल पिछले साल की समान अवधि की तुलना में व्यय में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी और ई-कॉमर्स लेन-देन की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी है।
नवंबर महीने में क्रेडिट कार्ड से कुल 89,492.69 करोड़ रुपये (पीओएस और एटीएम में लेन-देन का मूल्य) खर्च किए गए, जबकि अक्टूबर में 1,01,228.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यह पहला मौका था जब इस तरह का व्यय 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया था और उच्च आधार के बावजूद पिछले माल की तुलना में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
विशेषज्ञों ने ज्यादा व्यय बरकरार रखने की धारणा बनी रहने को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि नवंबर में संभवत: यह 1 लाख करोड़ रुपये के शीर्ष तक नहीं पहुंच जाएगा क्योंकि त्योहारों के मौसम के खर्च की वजह से ये आंकड़े आए हैं।
बहरहाल नवंबर में क्रेडिट कार्ड से व्यय अभी भी सितंबर, अगस्त और जुलाई की तुलना में ज्यादा है।
क्रेडिट कार्ड से खर्च खासकर जुलाई से तेजी से बढ़ा है, जब कोविड की दूसरी लहर कमजोर पडऩी शुरू हुई थी और यह महामारी के पहले के स्तर से भी ऊपर रहा है। जनवरी और फरवरी 2020 में क्रेडिट कार्ड से व्यय क्रमश: 67,402.25 करोड़ रुपये और 62,902.93 करोड़ रुपये था। जुलाई 2021 के बाद से क्रेडिट कार्ड से व्यय लगातार 75,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।
नवंबर में एचडीएफसी बैंक ने 23,059.1 करोड़ रुपये व्यय की रिपोर्ट दी है। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक के कार्डों से 17,689.28 करोड़ रुपये एसबीआई कार्ड से 17,752.65 करोड़ रुपये और ऐक्सिस बैंक के कार्ड से 7,317.63 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस उद्योग का प्रति कार्ड व्यय सुधरकर 13,200 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले 1 साल के 11,000 रुपये के औसत की तुलना में ज्यादा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंसियल सर्विसेज में वाइस प्रेसीडेंट, रिसर्च बैंकिंग सेक्टर, इस्टीट्यूशनल इक्विटीज, नितिन अग्रवाल ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी और ई-कॉमर्स ट्रांजैक् शन की बढ़ती हिस्सेदारी की वजह से व्यय बढ़ा है और इसकी वजह से मजबूत रिकवरी हो रही है। बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियों की वजह से व्यय में तेजी की गति बरकरार रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने साल में दो बार आने वाली अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि कुल मिलाकर कंज्यूमर क्रेडिट में मांग दूसरी लहर के दौरान आई गिरावट के बाद से अब बहाल हो गई है। मांग में तेजी की वजह से व्यक्तिगत कर्ज और क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में तेजी आई है जबकि अन्य श्रेणियों की मांग में स्थिरता के संकेत मिलते हैं।