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सरकार आईडीबीआई ऐक्ट करेगी संशोधित

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:47 AM IST

सरकार आईडीबीआई (ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग ऐंड रिपील) अधिनियम, 2003 में संशोधन करेगी ताकि आईडीबीआई बैंक को एक बैंकिंग लाइसेंस दिया जा सके। इससे इस ऋणदाता की रणनीतिक बिक्री की प्रमुख बाधा खत्म हो जाएगी।
सरकार आईडीबीआई अधिनियम में संशोधनों को वित्त विधेयक 2021 में भेज रही है, जिससे स्वत: ही आईडीबीआई बैंक को बैंकिंग नियमन अधिनियम की धारा 22 के तहत लाइसेंस मिल जाएगा। इससे पहले आईडीबीआई बैंक को एक विकास बैंक से बैंकिंग कंपनी में तब्दील किया गया था। इसे भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने से छूट दी गई थी। बैंकिंग नियमन अधिनियम की धारा 22 में कहा गया है कि कोई भी कंपनी आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त किए बिना देश में बैंकिंग कारोबार नहीं करेगी।
इसस पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर प्रकाशित की थी कि सरकार आरबीआई के साथ बातचीत कर रही है क्योंकि सरकार के आईडीबीआई बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने से इस ऋणदाता के पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं रहेगा। इस ऋणदाता में सरकार की हिस्सेदारी से संबंधित कानूनी मुद्दों के समाधान की वजह से आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की सरकार की योजना में देरी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि आईडीबीआई बैंक समेत बहुत से सौदे 2021-22 में पूरे होंगे।  प्रस्तावित संशोधन से सरकार के बैंक से निकलने की बड़ी बाधा खत्म हो गई है और वह स्थिति खत्म हो गई है, जिसमें आईडीबीआई बैंक बिना लाइसेंस हो सकता था। उस स्थिति में बैंक के नए मालिक को नए सिरे से बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता।

First Published : February 3, 2021 | 11:51 PM IST