IDBI बैंक के नए मालिक के किसी प्रस्ताव पर सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी LIC किसी तरह की अड़चन नहीं खड़ी करेंगे क्योंकि वे इसके भावी प्रवर्तकों को स्वतंत्रता देने के इच्छुक हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
IDBI बैंक का होगा निजीकरण
IDBI बैंक में सरकार और LIC की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। IDBI बैंक में 60.72 फीसदी की हिस्सेदारी की बिक्री के लिए इस महीने की शुरुआत में निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। इस बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी और LIC की 49.24 फीसदी है। बैंक का मूल्यांकन 47,633 करोड़ रुपये है। मौजूदा मूल्य पर करीब 61 फीसदी की हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 29,000 करोड़ रुपये हासिल होंगे।
नए प्रवर्तकों को मिलेगी स्वतंत्रता
एक अधिकारी ने बताया कि निजीकरण के बाद बैंक में सरकार और LIC की हिस्सेदारी घटकर 34 फीसदी रह जाएगी। हालांकि नए प्रवर्तक द्वारा प्रस्तावित विशेष समाधान को रोकने की उनकी कोई मंशा नहीं है। यह कदम निवेशकों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास है। अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह की चिंता की कोई बात नहीं है। हम 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं और प्रबंधन नियंत्रण भी सौपेंगे। निवेशकों को यह स्पष्ट रहना चाहिए कि इस संस्थान का नियंत्रण अपने पास रखने में हमारी दिलचस्पी नहीं है और हम किसी समाधान का विरोध नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा कि IDBI बैंक के पात्र बोलीदाताओं को वित्तीय निविदाओं के स्तर पर इस बारे में आश्वासन दिया जाएगा।