एक ओर जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक पर थोड़े समय के लिए नए क्रेडिट कार्डों को जारी करने पर रोक लगा रखा है वहीं बैंक इस बीच रोक हटने के बाद ज्यादा आक्रामक तरीके से बाजार हिस्सेदारी वापस पाने की तैयार में जुटा है।
क्रेडिट कार्ड के क्षेत्र में एचडीएफसी अग्रणी बैंक है लेकिन हाल ही में रिजर्व बैंक की ओर से इस पर रोक लगाए जाने के कारण दूसरे बैंक इसकी कीमत पर बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में एचडीएफसी के क्रेडिट कार्ड आधार में 3,89,424 की कमी आई है जबकि आईसीआईसीआई बैंक का क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो 8,15,480 बढ़ा है। एसबीआई काड्र्स और एक्सिस बैंक ने क्रमश: 4,37,226 और 3,29,880 कार्ड जोड़े हैं।
क्रेडिट सुइस की ओर से आयोजित एक विश्लेषण चर्चा में बैंक के भुगतान कारोबार के कंट्री हेड और तकनीकी बदलाव तथा डिजिटल एजेंडा के प्रभारी पराग राव ने कहा कि यह रोक एक अस्थायी बात है और हमने पहले से ही अपनी योजनाएं तैयार कर ली है ताकि जब कभी यह रोक हटेगी तो हम पहले से अधिक आक्रामक तरीके से बाजार में उतरेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हम पिछले छह महीने से आक्रामक तरीके से देनदारी ग्राहकों को तलाश रहे हैं ऐसे में हमारे पास पहले से मंजूर किए गए ग्राहकों का पूरा सेट है ताकि जैसे ही हमारे लिए चीजें खुलती हैं हम जोर शोर से बाजार में जाएंगे। अत: बाजार हिस्सेदारी में नजर आ रहे थोड़े बहुत बदलाव को शीघ्र ही दुरुस्त कर लिया जाएगा।’
बार बार कटौती से तंग आकर रिजर्व बैंक ने दिसंबर में बैंक को अस्थायी तौर पर अपने सभी डिजिटल लॉन्च को रोक देने के साथ साथ ग्राहकों को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के लिए कहा था। अप्रैल 2021 में एचडीएफसी बैंक का क्रेडिट कार्ड आधार 1.491 करोड़ था।
राव ने कहा, ‘हमारा जोर अपने कार्ड आधार के लिए ग्राहकों का मजबूत, सक्रिय सेट तैयार करने पर है। यही कारण है कि हमारे पास एक महत्त्वपूर्ण आकार बाजार हिस्सेदारी, खर्च बाजार हिस्सेदारी है और हमारा कार्ड आधार सबसे सक्रिय है। इसलिए शीघ्र ही आपको बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से दोनों स्तंभों में अच्छी वृद्घि नजर आएगी।’