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हर तिमाही एक लाख करोड़ जमा करेगा एचडीएफसी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:53 PM IST

एचडीएफसी के साथ विलय के करीब आ रहे एचडीएफसी बैंक जमा राशि जुटाने की प्रक्रिया पर विचार कर रहा है। बैंक की नजर अब हर तिमाही एक लाख करोड़ रुपये जमा करने पर है। हाल ही में सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में हुए रोड शो में बैंक प्रबंधन समेत प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन ने ऋणदाता की संपत्ति और देनदारियों को बढ़ाने की रणनीति साझा की। 
वित्त वर्ष 23 की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक ने 45,543 करोड़ रुपये मूल्य की जमा राशि जुटाई थी, जबकि वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में जमा राशि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईसीआईसीआई बैंक दोनों की जमा राशि में वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में क्रमिक गिरावट देखी गई।
जबकि वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक की जमा राशि क्रमशः 2.03 लाख करोड़ और 47,105 करोड़ रुपये थी।
इस वर्ष मई में, एचडीएफसी बैंक प्रबंधन ने कहा था कि वह अगले पांच वर्षों में बैंक की बैलेंसशीट को दुगुना करना चाहता है।
इसके लिए, पूंजी और ऋणवृद्धि कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन जमा जुटाना चुनौती दे सकता है। 
इसलिए, अधिक जमा राशि जुटाने के लिए योजना बनाई कि अगले तीन वर्षों तक हर साल बैंक 1,500-2,000 नई शाखा खोलेगा। 
सोमवार को मैक्वेरी रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि हाल ही में हुए रोडशो में बैंक प्रबंधन ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि दोनों को लेकर आश्वस्त दिखा। जबकि न केवल एचडीएफडी बैंक के लिए बल्कि पूरे बैंकिंग उद्योग के लिए प्रणाली में ऋण वृद्धि बेहद मजबूत रही है और जमा वृद्धि धीमी। 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 12 अगस्त को खत्म हुए पखवारे में बैंकिंग प्रणाली ऋणवृद्धि 15.3 फीसदी रही, जबकि जमा वृद्धि 9 फीसदी के करीब। इसके परिणामस्वरूप जमा और ऋण वृद्धि बढ़कर करीब 600 आधार अंक (बीपीएस) हो गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि एचडीएफसी बैंक की जमा राशि में 20 फीसदी से अधिक की नजर है। बैंक के पास करीब 7 करोड़ ग्राहक हैं, जिनमें से केवल 14 फीसदी का ही बैंक में सावधि जमा है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि, अगर औसत टिकट का आकार 8-9 लाख है और अगर बैंक कम से कम एक फीसदी अपने ग्राहकों को सावधि जमा से जोड़ लेती है, तो यह 6-8 अरब डॉलर जमा करवा सकता है। इससे 300-400 आधार अंक की वृद्धि होगी। इसके अलावा, बैंक को अपनी शाखाओं की उत्पादकता भी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इसकी 60 फीसदी शाखाओं में दस वर्ष से कम का समय है। शाखाओं की उत्पादकता 10 वर्ष से अधिक होने के बाद तेजी से बढ़ती है। 
वित्त वर्ष 22 के अनुसार, प्रति शाखा जमा राशि करीब 250 करोड़ रुपये है। मैक्वेरी रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि, अगर बैंक इसे अगले चार वर्षों में बढ़ाकर 300-310 करोड़ तक कर देता है और अभी जो 6,300 शाखाएं हैं उन्हें 13,000 कर देता है तो वित्त वर्ष 26 तक इससे जमा का आधार 40 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इसका मतलब अगले चार वर्षों में 25 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से है। प्रबंधन ने दोहराया है कि उसे 50 फीसदी वृद्धिशील शाखाएं मेट्रो और शहरी इलाकों में खोलनी चाहिए। वह आश्वस्त है कि मुख्य शहरों से भी जमा बढ़ाने की गुंजाइश है। 
 

First Published : September 6, 2022 | 9:42 PM IST