क्या आप सोशल मीडिया और ऑनलाइन तरीके से होने वाले साइबर धोखाधड़ी के बारे में जानते हैं। आप अक्सर सुनते रहते है कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया। ऐसे साइबर फ्रॉड के द्वारा कई प्रकार से नुकसान पहुंचाया जाता है। इसमें वित्तीय जोखिम भी शामिल है।
नैसकॉम की डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की रिपोर्ट 2019 के अनुसार, विश्व में भारत ऐसा दूसरा देश है जहाँ वर्ष 2016 और वर्ष 2018 के बीच सबसे ज़्यादा साइबर हमले हुए।
साइबर इंश्योरेंस ऐसे नुकसान से बचने के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवर है। यह कई प्रकार के नुकसान से आपको सुरक्षा की गारंटी देता है। चाहे सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी का जोखिम हो या मालवेयर अटैकिंग के द्वारा आपके डेटा के दुरुपयोग की संभावना, इससे आप सुरक्षित हो जाते हैं।
कोविड के दौरान सुरक्षित लेनदेन के तरीके के रूप में डिजिटल लेनदेन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इसी के साथ ही साइबर फ्रॉड के मामलो में भी तेजी से उछाल आया है। अब साइबर क्राइम करने वाले लोग पैसे ऐंठने के नए-नए तरीके खोज रहे है। फोन कॉल में बैंक का नाम लेकर ठगी करने से लेकर, फ्री रिचार्ज और कई प्रकार के आकर्षक ऑफर के द्वारा यह लोगों को लुभाते है।
कई ऐसी लिंक क्रिएट करते हैं कि यदि कोई भी इनके आकर्षक ऑफर के बहकावें में आ जाए तो उसका अकाउंट खाली होते देर नहीं लगती हैं।ऐसे कई प्रकार के नुकसान से खुद को बचाने के लिए लोग और कॉर्पोरेट साइबर बीमा पॉलिसी का सहारा ले रहे हैं।
साइबर हमले किन तरीकों से हो सकते हैं?
फिशिंग हमले
फिशिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति उपयोगकर्त्ता की संवेदनशील जानकारी जैसे- बैंक खाता विवरण आदि को चुराता है।
स्पूफिंग हमले
स्पूफिंग में हमलावर अपनी असल पहचान को छिपाकर खुद को एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में प्रस्तुत करते हैं अर्थात वह वैध उपयोगकर्ता की पहचान का उपयोग करने की कोशिश करता है।
मैलवेयर या स्पाइवेयर
स्पाइवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है जो डिज़िटल डिवाइस जैसे- कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट आदि से गुप्त एवं निजी जानकारियाँ चुराता है। यह जीमेल अकाउंट, बैंक डिटेल्स, सोशल मीडिया से लेकर टेक्स्ट मैसेज जैसी गतिविधियों पर नजर रखता है और वहां से डेटा चुराकर अपने ऑपरेटर तक पहुंचाता है।
सिम स्वैप (SIM Swap)
इसमें मूल सिम का एक क्लोन बनाकर मूल सिम को अमान्य कर दिया जाता है और डुप्लिकेट सिम का उपयोग उपयोगकर्ता के ऑनलाइन बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करने के लिये किया जा सकता है।ऑनलाइन भुगतान या लेन-देन आदि के दौरान साइबर हमले होते हैं।
इस बीमा पॉलिसी से क्या-क्या कवर होगा?
फंड्स की चोरी, आइडेंटिटी थेफ्ट कवर, सोशल मीडिया कवर, साइबर स्टॉकिंग, मालवेयर कवर, फिशिंग कवर, डेटा ब्रीच और प्राइवेसी ब्रीच कवर से हुए नुकसान को इसमें कवर किया जाएगा।
कहां से ले सकते है इस बीमा पॉलिसी को?
Bajaj allianz और HDFC बैंक जैसे वित्तीय संस्थान साइबर बीमा पॉलिसी की सुविधा देते है जिसमें आप अपनी सुविधानुसार इसे खरीद सकते हैं। जैसे Bajaj allianz 1 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक होने वाले नुकसान के लिए अलग-अलग तरह की बीमा सुविधाएं देता है।यह बीमा पॉलिसी आप ऑनलाइन या एजेंट के माध्यम से खरीद सकते हैं।