अप्रैल और मई में धीमा रहने के बाद यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से होने वाला लेनदेन जून में संख्या और मूल्य दोनों लिहाज से रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंचा। जून में यूपीआई से 2.8 अरब लेनदेन हुए जिसका मूल्य 5.47 लाख करोड़ रुपये रहा। ये आंकड़े मई की तुलना में मात्रा के लिहाज से 10.6 फीसदी और मूल्य के लिहाज से 11.56 फीसदी अधिक हैं। यूपीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का अग्रणी भुगतान प्लेटफॉर्म है।
यह उछाल मई के मध्य में कोविड के मामले के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद धीरे धीरे कम होने से अर्थव्यवस्था के खुलने के अनुरूप ही है। विभिन्न जगहों पर लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद कारोबारी गतिविधि पटरी पर लौटी है।
महामारी की दूसरी लहर और उसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए लगाए गए स्थानीय लॉकडाउन के कारण अप्रैल और मई में लेनदेन की संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी। मई में यूपीआई से 2.53 अरब लेनदेन हुए जो अप्रैल और मार्च की तुलना में क्रमश: 4.16 फीसदी और 7.32 फीसदी नीचे था। मूल्य के लिहाज से यूपीआई से 4.9 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए थे जो अप्रैल और मार्च की तुलना में क्रमश: 0.66 फीसदी और 3 फीसदी कम थे।
मार्च में यूपीआई से 2.73 अरब लेनदेन का नया रिकॉर्ड बना था जो मूल्य के लिहाज से 5.04 लाख करोड़ रुपये का रहा था। लेकिन उसके बाद से मात्रा और मूल्य दोनों स्तर पर इसमें गिरावट दर्ज की गई थी जिसकी वजह देश में कोविड संक्रमण के मामलों में इजाफा होना था।