सरकार पहले चरण में कम से कम दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का निजीकरण कर सकती है। सरकार से जुड़े दो सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), वित्त मंत्रालय की वित्तीय सेवा और आर्थिक मामलों के विभागों के अधिकारियों की बैठक 14 अप्रैल को होने वाली है, जिसमें निजीकरण के संभावित बैंकों को लेकर चर्चा होगी।
सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग ने 4 से 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नाम सुझाए हैं, जिन पर बैठक में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इनमें बैंक आफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हो सकते हैं। दो में से एक अधिकारी ने यह भी कहा कि बैंकों के अलावा सरकार की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को भी चर्चा में शामिल किया जा सकता है। सरकार की ओर से निजीकरण का अभियान चलाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। नीति आयोग ने पिछले महीने पहले चरण में निजीकरण के लिए करीब 12 सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के नाम दिए थे। इस सूची पर अब वित्त मंत्रालय से जुड़े संबंधित विभाग विचार करेंगे और अंतिम नामों को विनिवेश पर बने सचिवों के प्रमुख समूह (सीजीडी) के पास भेजा जाएगा, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि आयोग वित्तीय स्थिति, कर्ज और अन्य मसलों के आधार पर पीएसबी की रिपोर्ट तैयार की है और उसके बाद बैंकों को चिह्नित किया है। सरकार इन बैंकों में कुछ नकदी भी डाल सकती है, जो इस समय रिजर्व बैंंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के ढांचे में आते हैं और उनके निजीकरण या किसी अन्य के साथ विलय पर विचार हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार 4 से 5 बैंक बनाए रखने और शेष का चरणबद्ध तरीके से निजीकरण करने को इच्छुक है।