शेयर बाजार में शेयरों की बिक्री के माध्यम से अपनी शेयरधारिता का विनिवेश करने के लिए सरकार मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों को सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है।
निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने मर्चेंट बैंकरों और कानूनी सलाहकारों के लिए बोली आमंत्रित की है। इनकी नियुक्ति दो साल के लिए की जाएगी और एक साल के लिए इन्हें कार्यविस्तार भी मिल सकता है। इन्हें ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से कंपनियों की शेयरधारिता की बिक्री में सरकार की मदद करनी होगी।
मर्चेंट बैंकरों को सरकार को बिक्री की अवधि और ओएफएस के दौर तरीकों, लेन-देन के ढांचे के बारे में सुझाव देना होगा, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के मौजूदा नियमों के अनुरूप हो। बाजार सर्वे करना, संभावित निवेशकों में दिलचस्पी जगाने के लिए घरेलू व अंतरराष्ट्रीय रोड शो, प्रमुख निवेशकों के साथ बैठकों के आयोजन का भी काम उनके जिम्मे होगा।
कानूनी सलाहकार को स्टॉक एक्सचेंज में फाइलिंग के लिए मसौदा, समीक्षा और नोटिस को अंतिम रूप देने, सेबी, स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरीज की ओर से मांगी गई जानकारी की मसौदा प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह काम उन्हें ओएफएस से संबंधित सभी गतिविधियां पूरी होने तक करना होगा।
मर्चेंट बैंकर और कानूनी सलाहकार न्यूनतम 1 रुपये शुल्क से बोली शुरू कर सकते हैं। उन्हें मध्यस्थ के रूप में काम करने के लिए 20 अक्टूबर तक बोली दाखिल करनी होगी।
चालू वित्तीय वर्ष में ऐक्सिस बैंक, एनएमडीसी, हिंदुस्तान कॉपर और हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट बैंक के शेयर बेचकर सरकार ने 9,110 करोड़ रुपये जुटाए हैं।