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1 अक्टूबर से आवर्ती भुगतान के नए नियम

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:46 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों, भुगतान एग्रीगेटरों और मर्चेंटों से कहा है कि वे आवर्ती भुगतान नियमों को लागू करने के लिए उसके 1 अक्टूबर की समय सीमा का पालन करें। इससे संकेत मिलता है कि इसमें और अधिक विस्तार दिए जाने की कोई संभावना नहीं है।
अब इन निकायों ने जल्दबाजी दिखाते हुए अपने ग्राहकों को बदलावों के बारे में अधिसूचित करना आरंभ कर दिया है। उन्होंने ग्राहकों को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसे भुगतान के वैकल्पिक तरीकों से अवगत कराया है। कुछ मामलों में आवर्ती भुगतान योजनाओं को अस्थायी तौर पर स्थगित किया गया है। मर्चेंटों ने भी असुविधा के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर बैंकों पर दोष लगाते हुए अपने ग्राहकों की आवाज उठाई है।
तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल ने यूट्यूब प्रीमियम जैसे उत्पादों के ग्राहकों को ईमेल भेजकर कहा है, ‘यदि आपका कार्ड जारीकर्ता आरबीआई के नियमों का अनुपालन नहीं करता है और कार्ड का उपयोग आवर्ती मासिक भुगतानों के लिए नहीं किया जा सकता है तो समर्थित कार्ड से कृपया एक बार फिर से भुगतान की कोशिश करें।’
गूगल ने रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक आवर्ती भुगतानों को समर्थन देने वाले कार्डों की एक सूची जारी की है। इनमें एचडीएफसी बैंक, कोट महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा जारी किए गए वीजा कार्ड शामिल हैं।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि अन्य कार्ड जारीकर्ताओं और बैंकों ने भी अपने स्तर पर सुधार करने की तैयारी कर ली है। बैंक के एक वरिष्ठ सूत्र ने पहचान जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा, ‘गैर-अनुपालन के लिए बैंकों पर रिजर्व बैंक की ओर से कठोर कार्रवाई किए जाने के पिछले कुछ मामलों को देखते हुए कोई भी बैंक अब रिजर्व बैंक की नाराजगी मोल लेने की हिम्मत नहीं दिखाएगा।’
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपने नियमों के अनुपालन के लिए कार्ड ऑन फाइल टोकनाइजेशन (सीओएफटी) पद्घति का सुझाव दिया था। सीओएफटी पद्घति में कार्ड जारीकर्ता नेटवर्क या बैंक ग्राहकों का विवरण रख सकते हैं लेकिन भुगतान गेटवे या व्यापारी को इसकी अनुमति नहीं है। इस पद्घति में ग्राहक को कार्ड विवरण टाइप नहीं करना पड़ता है। इसे कार्ड जारीकर्ता द्वारा भरा जाएगा और मर्चेंट साइट ऐसा नहीं कर सकते हैं।  चूंकि अधिकांश बैंकों ने अब तक दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया है ऐसे में उनके उपयोगकर्ताओं को प्री-पेमेंट तरीके को अपनाना होगा या इस बीच उन्हें मैन्युअल भुगतान करना होगा। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक देरी मुख्यत: बैंकों की ओर से हुई है। ऐसे में बैंक जब तक प्रणाली के अद्यतन का कार्य पूरा नहीं कर लेते हैं तब तक पेमेंट्स एग्रीगेटर अपने स्तर से काम शुरू नहीं कर सकते हैं।

First Published : September 24, 2021 | 11:24 PM IST