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नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:03 AM IST

कोविड-19 महामारी से कराहती अर्थव्यवस्था को राहत का सिलसिला बरकरार रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर नीतिगत दरें जस की तस रखी हैं। केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में आज कहा कि जब तक जरूरी होगा, महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उदारवादी रुख जारी रखा जाएगा। मगर केंद्रीय बैंक ने महंगाई का अनुमान बढ़ा दिया है।
छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने एकमत से रीपो दर 4 प्रतिशत ही बनाए रखने का निर्णय लिया। समिति में बाहर से नामित किए गए सदस्य जयनाथ आर वर्मा ने इस बात पर आपत्ति जताई कि आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के लिए आरबीआई जरूरत पडऩे तक उदारवादी रवैया बरकरार रखेगा। वर्मा पहले भी उदारवादी रुख का दायरा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की गई विशेष शब्दावली पर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक कम से कम दिसंबर तक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा और उदार रवैया जारी रखेगा। उनके अनुसार अगले वित्त वर्ष में मुख्य दरें बढ़ सकती हैं। आरबीआई ने बैंकों के पास उपलब्ध अतिरिक्त नकदी खींचने के लिए वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) उपायों की भी घोषणा की। इस घोषणा के बाद बॉन्ड पर प्रतिफल 4 आधार अंक तक उछल गया। बाजार में कारोबारी केंद्रीय बैंक के इस कदम को वित्तीय प्रोत्साहन वापस लेने की शुरुआत समझ रहे हैं, मगर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया कि ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी संशोधन नहीं किया और इसे 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू होने और मॉनसून सक्रिय होने से अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। दास ने कहा कि  सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनसे भी अर्थव्यवस्था को मौजूदा संकट से तेजी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद दास ने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि दर तेज करने के लिए आरबीआई कोई भी उपाय करने को तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘इस समय नीतिगत मोर्चे पर अधिक हलचल देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को सुस्त कर सकती है।’
आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान भी बढ़ा दिया है। अब उसे लगता है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर 5.7 प्रतिशत पर रहेगी। आरबीआई ने पहले यह आंकड़ा 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। दास ने स्पष्ट किया कि एमपीसी महंगाई दर नरम रखने के लिए मुस्तैद है और इस मामले में केंद्रीय बैंक की विश्वसनीयता पर आंच नहीं आने देगा।

First Published : August 6, 2021 | 11:17 PM IST