भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने आज कहा कि यह अहम नहीं है कि बैंक का मालिक कौन है, बल्कि यह अहम है कि इसका संचालन कैसे हो रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब सरकार ने कुछ सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करने का फैसला किया है, जिस पर व्यापक बहस छिड़ गई है।
साउथ इंडिया चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित सातवें रामचंद्रन मेमोरियल लेक्चर में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बैंकिंक व्यवस्था में बहुत विकास हुआ है और निजी क्षेत्र के तमाम बैंक आए हैं, पीएसयू का एकीकरण हुआ है और इस दिशा में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ सरकारी बैंकों के निजीकरण से बैंकिंग क्षेत्र या अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा परिदृश्य देख रहे हैं, जहां एसबीआई होगा और कम से कम 6 बड़े बैंंक होंगे। वे सरकार के सोशल बैंकिंग के एजेंडे को चला सकते हैं, जबकि शेष काम निजी क्षेत्र के बैंक कर सकते हैं।’
कुमार ने कहा, ‘1970 की तुलना में आज जरूरतें अलग हैं। कुल मिलाकर यह अहम नहीं है कि मालिकाना अधिकार किसका है, अहम है कि कामकाज किस तरीके से चल रहा है।’