बीएस बातचीत
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपसीआई) की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीणा राय ने सुब्रत पांडा से रुपे की यात्रा व भारत में खुदरा भुगतान व निपटान की प्रमुख संस्था के लक्ष्यों के बारे में बात की। प्रमुख अंश…
डेबिट कार्ड के बाजार में रुपे की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। इसका मकसद क्रेडिट कार्ड में व्यापक तौर पर पैठ बनाना था। यह योजना किस तरह से आकार ले रही है?
रुपे को भारत के लिए कार्ड के रूप में शुरू किया गया था। एनपीसीआई ने देश के आकार प्रकार के मुताबिक स्वदेशी डेबिट कार्ड पेश किया। हमारे पास 1,100 बैंक हैं, जो रुपे डेबिट कार्ड जारी कर रहे हैं। हम पोर्टफोलियो के अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं, जिसमें क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड शामिल हैं। पिछले 2 साल से हमने प्रीपेड औऱ क्रेडिट कार्डों पर जोर दिया है। दोनों सेग्मेंट तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रीपेड कार्ड तुलनात्मक रूप से नया सेग्मेंट है। हम इसे विकसित करने में सफल थे। हमारे कार्डों की बाजार में सम्मानजनक हिस्सेदारी है औऱ लेनदेन भी उल्लेखनीय है।
जहां तक क्रेडिट कार्ड का सवाल है, हम क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले करीब सभी बड़े कार्ड जारीकर्तांओं एसबीआई कार्ड, एचडीएफसी बैंक, येस बैंक, फेडरल बैंक, बीओबी फाइनैंशियल, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक और इंडियन बैंक के साथ काम कर रहे हैं। जल्द ही अन्य बड़े बैंक भी इसे शुरू करेंगे।
पिछले 2 साल के दौरान बैंक को तैयार, सक्षम औऱ प्रमाणित बनाने पर ध्यान रहा है। तमाम ने अपने ग्राहकों को कार्ड जारी करने शुरू किए। पिछले साल जारी किए गए नए क्रेडिट कार्डों में हमारी हिस्सेदारी 8-10 प्रतिशत रही है। हम जहां हैं, उससे खुश हैं।
क्या प्रतिबंध या प्रतिस्पर्धी कार्ड जारी करने वाले नेटवर्क से किसी तरह मदद मिली?
इसकी वजह थी कि वे क्यों नियामकीय निगरानी में आए। हम अपने साझेदारों के साथ काम करने को लेकर बहुत स्पष्ट हैं, जो हमारे साथ जुडऩा चाहते हैं। हमने इसे किसी अवसर के रूप में नहीं देखा।
क्या आप लोगों तक रुपे क्रेडिट कार्ड ले जाना चाहते हैं?
हमारा काम रुपे को हर किसी तक ले जाना है। चाहे वह डेबिट कार्ड हो, प्रीपेड कार्ड हो या क्रेडिट कार्ड। इन सभी श्रेणियों में हम पूरी आबादी को सेवाएं मुहैया करा रहे हैं, जिसमें कम सेवा पाने वाले, इस्तेमाल करने वाले व प्रीमियम ग्राहक शामिल हैं। हम सभी सेग्मेंट में काम कर रहे हैं।
क्या जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) की वजह से निजी बैंक रुपे डेबिट कार्ड जारी करने को लेकर अनिच्छुक हैं?
जीरो एमडीआर प्रत्यक्ष भुगतान राजस्व व्यवस्था को प्रभावित करता है। हमारा ध्यान कार्ड को एक व्यापक रूप देने पर है। हमारे कार्ड में नवोन्मेषी गुण हैं और उसके तमाम फायदे हैं। अगर हम इस्तेमाल करने वालों को इसमें शामिल कर सकते हैं औऱ अगर इस्तेमाल करने वाले के पास एक खास बैंक का कार्ड है, तो वह बैंक खाता उस ग्राहक का प्रमुख खाता बन जाता है। जब आपके पास प्रमुख खाता होता है तो आप बचत या ऋण खाता की तरह संबंध विकसित करते हैं। इसका असर प्रत्यक्ष भुगतान राजस्व व्यवस्था पर पड़ता है। हम चाहते हैं कि हमारे साझेदारों के पास प्रत्यक्ष राजस्व धारा हो, लेकिन इसके लिए व्यापक परिदृश्य अपनाना होगा।
क्या रुपे कार्ड के लिए आपने बाजार हिस्सेदारी का कोई लक्ष्य तय किया है?
डेबिट कार्ड में हमारी 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। पूरे पोर्टफोलियो में हम प्रमुख कारोबारी बनना चाहते हैं। इस क्षेत्र में व्यापक प्रतिस्पर्धा है, जिसका निश्चित रूप से सम्मान किया जाना चाहिए औऱ उसे संज्ञान में लिया जाना चाहिए। हम अपने काम में तकनीक, उत्पाद या ब्रांड स्टैंडप्वाइंट के हिसाब से नवोन्मेष जारी रखेंगे और बाजार के मजबूत खिलाड़ी बनेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक इस समय यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) माध्यम से कार्ड रहित नकद निकासी की अनुमति दे रहा है, इसका डेबिट कार्ड पर क्या असर पड़ेगा?
ग्राहक विभिन्न उत्पाद इस्तेमाल करेंगे। हमारे लिए यह नवोन्मेषी है। हम भारत में डिजिटल भुगतान में आगे बढ़ रहे हैं। इसका मतलब है कि ज्यादा खुदरा भुगतान नकदी की तरफ से डिजिटल की ओऱ बढ़ रहा है। ग्राहकों का अनुभव बाधारहित हो रहा है। ग्राहक जिस समस्या का सामना कर रहे हैं, उसके समाधान की जरूरत है। यूपीआई के माध्यम से ऑटोमेटेड टेलर मशीन से निकासी निश्चित रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। शायद इसके लिए निचली सीमा होगी। जोखिम प्रबंधन पर विचार होना चाहिए। हमें ग्राहकों के शिकायत के समाधन की व्यवस्था करने की जरूरत है। कोई भी उत्पाद, फर्म अगर यह काम करती है तो हमारे लिए यह स्वीकार्य है।
नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को लेकर क्या प्रस्ताव है?
शुरुआती चरण में महानगरों पर ध्यान है, लेकिन हम हमेशा इसके दायरे के विस्तार के इच्छुक रहे हैं औऱ बसें चालू होने के साथ काम शुरू हो गया है। राज्य सड़क परिवहन निगमों के साथ कई समझौते हुए हैं और इस पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है। यह एक प्रीपेड कार्ड है। ग्राहक इस खाते में धन डाल सकते हैं और अपनी सुविधा के मुताबिक भुगतान कर सकते हैं। सामान्य रूप में रुपे कार्ड सभी एनसीएमसी में सक्षम हैं। बाजार के कुल रुपे कार्डों में करीब 7.5 करोड़ एनसीएमसी पर सक्षम हैं।