प्राथमिक बाजार की गतिविधियों में नरमी के बीच सितंबर में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए भुगतान में गिरावट देखने को मिली। यूपीआई के जरिये 30.4 लाख भुगतान का सृजन हुआ, जो पिछले महीने के मुकाबले 48 फीसदी कम है। यह जानकारी नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की तरफ से जारी आंकड़ों से मिली, जो भारत में खुदरा भुगतान की मुख्य इकाई है।
पिछले महीने सिर्फ पांच कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम पेश किए और कुल मिलाकर 6,887 करोड़ रुपये जुटाए। इससे पिछले महीने 58.6 लाख भुगतान का सृजन यूपीआई के जरिये हुआ था, जो माह दर माह के हिसाब से 24 फीसदी कम है जबकि करीब चार वर्ष में आईपीओ के जरिये रकम जुटाने के मामले में अगस्त सबसे अच्छा महीना रहा था और आठ आईपीओ के जरिये कुल 17,841 करोड़ रुपये जुटाए गए थे और यह नवंबर 2017 के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
जुलाई में यूपीआई के जरिये रिकॉर्ड 76.6 लाख भुगतान का सृजन हुआ और तब फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो का आईपीओ पेश हुआ था। जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, क्लीन साइंस और तत्व चिंतन को भी भारी कामयाबी मिली थी।
भुगतान का सृजन तब होता है जब ग्राहक किसी आईपीओ आवेदन के लिए अपने बैंक खाते में खास रकम ब्लॉक करता है। जब ग्राहक को शेयरों का आवंटन हो जाता है तो इस भुगतान का क्रियान्वयन हो जाता है। सितंबर में ऐसे भुगतान का क्रियान्वयन 3,95,420 यानी यूपीआई के जरिये सृजित भुगतान का 13 फीसदी रहा। अगस्त में 13.2 लाख से ज्यादा ऐसे भुगतान का क्रियान्वयन हुआ। जुलाई में सिर्फ 5,32,943 भुगतान का ही क्रियान्वयन हो पाया, जो कुल सृजित भुगतान का 7 फीसदी से कम बैठता है।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को सबसे ज्यादा ऐसे भुगतान सृजन हासिल हुए और अगस्त में यह 7,92,367 था, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक को 4,63,521, आईसीआईसीआई बैंक को 3,38,109 और बैंक ऑफ बड़ौदा को 2,88,865 अनुरोध प्राप्त हुए। साथ ही चारों अग्रणी बैंकों ने भुगतान सृजन के अनुरोध में से 2,67,793 का क्रियान्वयन देखा, जो सितंबर के कुल क्रियान्वयन का 67.72 फीसदी बैठता है।
बैंकों में यूपीआई आईपीओ मैनडेट में गिरावट की दर की बात करें तो उसमें पिछले कुछ महीनों में खासा सुधार देखने को मिला है, खास तौर से जब एनपीसीआई ने अपनी वेबसाइट पर मासिक आंकड़े प्रकाशित करने शुरू किए। सितंबर में एसबीआई ने मंजूरी की दर 88 फीसदी दर्ज की। अन्य सरकारी बैंकों मसलन बीओबी, बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, केनरा बैंक व सेंट्रल बैंंक ने क्रमश: 87.82 फीसदी, 93.14 फीसदी, 92.52 फीसदी, 91.80 फीसदी व 92.61 फीसदी की मंजूरी दर दर्ज की।