वालमार्ट समर्थित फोनपे ने लगातार दूसरे महीने नैशनल पेमेंट्स कॉरर्पोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) के यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म से 1 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रॉसेस किया है। यूपीआई भारत में डिजिटल भुगतान की इकाई है और फोनपे इस प्लेटफॉर्म पर पहले स्थान पर बना हुआ है, वहीं इसके बाद गूगल पे का स्थान है।
अप्रैल महीने में फोनपे ने 116.989 करोड़ अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजैक्शन किया, जिसकी कुल राशि 2.34 लाख करोड़ रुपये थी और यूपीआई पर मात्रा के हिसाब से उसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 45 प्रतिशत से ज्यादा थी। मार्च महीने में इसने 119.951 करोड़ ट्रांजैक्शन किया था, जिसकी कुल राशि 2.31 लाख करोड़ रुपये थी।
वहीं अप्रैल महीने में गूगल पे के माध्यम से 90.596 करोड़ ट्रांजैक्शन हुआ है, जिसकी कुल राशि 1.9 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह यूपीआई स्पेस में इसकी हिस्सेदारी 34.3 प्रतिशत है। पिछले महीने इसके माध्यम से 2.01 लाख करोड़ रुपये के 95.7 करोड़ लेन देन हुए थे।
फोनपे और गूगल पे से लेनदेन में गिरावट अप्रैल में आई यूपीआई से लेन देन व अन्य डिजिटल तरीकों से लेन देन में आई कमी के ही अनुरूप है। कोविड का संक्रमण बढऩे और उसके बाद देश के ज्यादातर इलाकों में लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा होने की वजह से अप्रैल महीने में खुदरा डिजिटल भुगतान में कमी आई है। यूपीआई से लेनदेन में मात्रा के हिसाब से 4.3 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मूल्य के हिसाब से 2.22 प्रतिशत गिरावट आई है।
यूपीआई के अन्य बड़े कारोबारियों में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से अप्रैल में 36,859.20 करोड़ रुपये के 32.078 करोड़ लेन देन हुए। इस हिसाब से इसकी यूपीआई में बाजार हिस्सेदारी लेन देन की मात्रा के हिसाब से 12 प्रतिशत है।
इस क्षेत्र में नया उतरने वाले व्हाट्सऐप के लेनदेन में इसकी पेशकश के समय से ही बहुत बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके माध्यम से लेन देन पिछले 3 महीने में हर माह 5 लाख से कुछ ज्यादा रहा है।
अप्रैल महीने में ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन के एमेजॉन पे से अप्रैल महीने में 4,272,47 करोड़ रुपये के 4.912 करोड़ लेन देन हुए हैं।
प्राक्सिस ग्लोबल अलायंस के फाइनैंसियल सिर्वसेज के प्रमुख और मैनेजिंग पार्टनर शिशि मनकड़ ने कहा, ‘यूपीआई ट्रांजैक् शन मात्रा के हिसाब से फोनपे लगातार हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। गूगल पे और पेटीएम दोनों ने कुछ हिस्सेदारी गंवाई है। व्हाट्सऐप में सुस्ती जारी है और उसकी बहुप्रतीक्षित पेशकश के बाद से अब तक उसे कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मिल पाई है।’