कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में किए गए लेनदेन के कुल भुगतान का मूल्य 23.3 प्रतिशत बढ़कर 9.22 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि लेनदेन की संख्या 33.6 प्रतिशत बढ़कर 526.5 करोड़ हो गई। वॉलमार्ट द्वारा समर्थित वित्तीय प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म फोनपे पल्स के कैलेंडर वर्ष 21 की तीसरी तिमाही के डिजिटल भुगतान रुझान में इस बात का खुलासा हुआ है। पल्स की वेबसाइट पर साझा किया गया नया डेटा और इसकी तिमाही रिपोर्ट से उस जबरदस्त रफ्तार का पता चलता है, जिस रफ्तार पर डिजिटल भुगतान तीसरी तिमाही में बढ़ता रहा है।
इन दोनों संकेतकों में यह लगातार वृद्धि डिजिटल भुगतान में उपभोक्तााओं के बढ़ते विश्वास का स्पष्ट संकेत है। ऐसा पहली बार हुआ है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस और मर्चेंट भुगतान से पैसे का हस्तांतरण 452 करोड़ के लेनदेन के नए मुकाम तक पहुंच गया है, जिसमें क्रमश: 221 करोड़ और 231 करोड़ के लेनदेन हुए हैं।
ऑफलाइन मर्चेंट भुगतान (जैसे किराना की दुकानों में किया जाने वाला भुगतान) ऑनलाइन भुगतान (जैसे ऑनलाइन खाने का ऑर्डर या खरीदारी करना) की तुलना में तेजी से बढ़ा है, जिसमें तिमाही आधार पर 65 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज हुई है। यह इस बात का संकेत है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद सुधार हो रहा है और दुकानें खुलने लगी हैं।
फोनपे में रणनीति और निवेशक संबंधों के प्रमुख कार्तिक रघुपति ने कहा ‘तिमाही आधार पर हम जिस तेज वृद्धि को देख रहे हैं, वह इस बात का मजबूत संकेतक है कि डिजिटल भुगतान सचमुच देश भर में हर ओर व्याप्त हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि त्योहारों और छुट्टियों के मौसम की वजह से अगली तिमाही रोमांचक होने वाली है।
इसके अलावा देश के 726 जिलों में से 720 जिलों में डिजिटल लेनदेन की मात्रा में सकारात्मक वृद्धि दर्ज किए जाने से पता चलता है कि डिजिटल भुगतान देशव्यापी कवायद बन रहा है। पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी यही नजर आता है, जो 30.5 करोड़ से बढ़कर 32.8 करोड़ हो चुकी है।
भौगोलिक स्तर पर चंडीगढ़ तिमाही आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक लेनदेन की मात्रात्मक वृद्धि के साथ इस तालिका में सबसे ऊपर है, जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र ने तिमाही आधार पर लेनदेन की मात्रा में इजाफे के लिहाज से बेहतर प्रदर्शन किया है।