सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में स्वतंत्र निदेशकों के करीब 100 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है। कामकाज के संचालन की नियामकीय जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्वतंत्र निदेशक स्तर के पद रिक्त हैं जिससे नियामकीय गैर-अनुपालन की स्थिति बन रही है। कंपनी कानून, 2013 के तहत प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनी के कुल निदेशकों में से एक-तिहाई स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए। सूत्रों ने कहा कि कई सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा कुछ वित्तीय संस्थानों में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या तय जरूरत से कम है। यह न केवल कंपनी कानून का उल्लंघन है बल्कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सूचीबद्धता नियमों का भी उल्लंघन है।
उदाहरण के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), इंडियन बैंक तथा यूको बैंक स्वतंत्र निदेशक नियमों को पूरा नहीं कर रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक तथा बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़कर अन्य सरकारी बैंकों में चेयरमैन का पद रिक्त है। कर्मचारी निदेशक और अधिकारी निदेशक के पद भी सात साल से रिक्त हैं।