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क्रिप्टो पर आरबीआई का स्पष्टीकरण

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:11 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी पर ग्राहकों को पेशकश न करने के मामले में बैंक आरबीआई के सर्कुलर का हवाला नहीं दे सकते, लेकिन उन्हें स्थानीय नियमों पर निश्चित तौर पर नजर डालनी चाहिए, जो अपवर्जनात्मक हैं।
केंद्रीय बैंक ने 6 अप्रैल, 2018 के सर्कुलर में बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन या ग्राहकों को इस संबंध में सेवाएं देने से रोक दिया था। इस सर्कुलर को सर्वोच्च न्यायालय मेंं चुनौती दी गई, जिसने 4 मार्च, 2020 को इस नियम को दरकिनार कर दिया।
हालांकि आरबीआई ने कहा कि बैंक क्रिप्टोकरेंसी की सेवा बैंक क्यों नहीं दे रहे हैं, उसे उचित ठहराने के लिए वह आरबीआई के सर्कुलर का हवाला देना जारी रख सकते हैं। आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर दिए स्पष्टीकरण में कहा है, सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक यह सर्कुलर न्यायालय के आदेश की तारीख से वैध नहीं है, ऐसे में अब इसका हवाला नहीं दिया जा सकता है।
हालांकि केंद्रीय बैंक ने बैंकों को सतर्क किया है कि वे केवाईसी, धनशोधन निरोधक, आतंकी गतिविधियोंं के लिए वित्त पोषण आदि से जुड़े नियमों के मुताबिक ग्राहकों की जांच परख की प्रक्रिया  जारी रखे। साथ ही वह विदेशी प्रेषण के मामले में विदेशी एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट से जुड़े प्रावधान के मुताबिक अनुपालन सुनिश्चित करे।
अनिवार्य रूप से इसका मतलब यह है कि बैंक ग्राहकों को सेवाओं की पेशकश कर सकते हैं, लेकिन उसे ऐसा करने से पहले काफी सावधानी
बरतनी होगी, जिसमें यह भी सुनिश्चित करना शामिल है कि फंड का इस्तेमाल धनशोधन या आतंकी गतिविधियों की फंडिंग के लिए नहीं किया गया। चूंकि क्रिप्टोकरेंसी को केंद्रीय बैंंक का समर्थन नहीं है और इसकी
प्रकृति विकेंद्रित है, ऐसे में इसके अंतिम इस्तेमाल का पता लगाना मुश्किल होगा।
एक वरिष्ठ बैंकर के मुताबिक, वह यथास्थिति बनाए हुए हैं, जब तक कि कुछ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज घोषित कर दे कि वे अंतिम इस्तेमाल की जांच की जवाबदेही लेंगे, जो शायद मुमकिन नहीं है। विगत में क्रिप्टोकरेंसी काफी चढ़ा है और ऐसी कई करेंसी है जिसकी ट्रेडिंग वैश्विक बाजारों में होती है। क्रिप्टोकरेंसी के एक्सचेंज भी निवेश के विकल्प के तौर पर करेंसी के एक हिस्से की पेशकश करते हैं क्योंंकि इनकी कीमतें काफी ज्यादा हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद सेवाओं पर लगी रोक हटी, लेकिन केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी से दूरी बनाए हुए है। विगत में केंद्रीय बैंक स्पष्ट कर चुका है, चूंकि यह करेंसी केंद्रीय बैंंक समर्थित नहीं है, ऐसे में वह कोई जवाबदेही नहीं लेगा, अगर लेनदेन में किसी तरह की गड़बड़ी होती है या फिर धोखाधड़ी होती है।
मार्च में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता है और इस बारे में सरकार को सूचित कर दिया गया है। दास ने कहा था, केंद्रीय बैंंक की डिजिटल करेंसी एक चीज है। बाजार में जिस क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है, वह दूसरी चीज है। आरबीआई व सरकार वित्त्तीय स्थायित्व को लेकर प्रतिबद्ध है। हमने क्रिप्टो को लेकर चिंता सामने रख दी है। साथ ही सरकार को भी इस बारे में बता दिया है।

First Published : May 31, 2021 | 11:26 PM IST