भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड प्रतिफल को नियंत्रण में रखने का निर्णय किया है और रुपये में मजबूती लाने का स्पष्ट संकेत दिया। इसका असर भी आज बॉन्ड और मुद्रा बाजार में दिखा। डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार के बंद भाव 73.62 से 1.03 फीसदी ऊपर 72.87 पर बंद हुआ। इसी तरह 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 18 आधार अंक घटकर 5.94 फीसदी पर बंद हुआ। सोमवार को बॉन्ड का प्रतिफल 6.11 फीसदी था।
बॉन्ड बाजार से संबंधित उपायों की घोषणा करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि रुपये में हालिया मजबूती आयातित मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने की दिशा में काम कर रहा है। आरबीआई ने पिछले कुछ सत्रों में डॉलर की खरीद नहीं की और रुपये को मजबूत होने दिया। केंद्रीय बैंक का रुख स्पष्ट है। निर्यात में बेहतर तेजी नहीं आई है, ऐसे में आरबीआई रुपये को मजबूती प्रदान कर आयात की वजह से होने वाले मुद्रास्फीति के दबाव को कम करना चाहता है।
हालांकि रुपया अभी भी अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में नरम बना हुआ है।
केंद्रीय बैंक के लिए परिपक्वता धारिता (एचटीएम) श्रेणी की सीमा बढ़ा दी है जिससे बैंकों के पास बॉन्ड खरीदने के लिए करीब 3.56 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त होंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने द्वितीयक बाजार में 20,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड की खरीद-बिक्री की घोषणा की है। इससे भी बैंकों के पास तरलता बढ़ेगी।