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‘आरबीएल को कम अवधि के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:36 PM IST

आरबीएल बैंक ने आज कहा कि निजी बैंक के बिजनेस की बुनियादी बातों में जबरदस्त सुधार की गुंजाइश है। इसके एक दिन पहले बैंक के शीर्ष अधिकारी ने बैंक का बोर्ड छोड़ दिया था।
बैंक के नव नियुक्त एमडी और सीईओ राजीव आहूजा ने प्रबंधन में समस्याओं के डर को खारिज करते हुए संवाददाताओं से कहा कि बैंक को कम अवधि के लिए किसी बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं है।
हाल के महीनों में भारतीय मीडिया ने खबर दी थी कि बैंक के कुछ कर्मचारियों ने परिचालन का काम देखते के लिए वित्त मंत्रालय से समर्थन की गुहार की है क्योंकि उनका मानना है कि बैंक के शीर्ष प्रबंधन ने नियामकीय ढांचे की उपेक्षा की है।
आरबीएल बैंक का सरकारी बैंक में विलय पर करें विचार
आरबीएल बैंक की चुनौतियों की ओर इंगित करते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने कहा है कि केंद्र सरकार जमाकर्ताओं के हितों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए और इसका किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में विलय सहित उपायों पर विचार करे।
शनिवार की रात आरबीएल बैंक ने कहा कि उसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विश्ववीर आहूजा तुरंत प्रभाव से छुट्टी पर चले गए हैं। बैंक ने कार्यकारी निदेशक राजीव आहूजा को अंतरिम प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त किया।
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी रिजर्व बैंक में मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल को आरबीएल बैंक के बोर्ड में बतौर अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया।  
 

First Published : December 26, 2021 | 11:43 PM IST