सोमवार तक जारी बाधा को चरणबद्घ तरीके से शांत करने के बाद निजी क्षेत्र का ऋणदाता आरबीएल बैंक अब और चौथी तिमाही में खुदरा ग्राहकों विशेष तौर पर जमाकर्ताओं पर ध्यान देगा। ऐसे समय में उधारी कारोबार सामान्य रहता है।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी वी आहूजा को अचानक से चिकित्सा छुट्टी पर भेजे जाने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से आरबीएल बैंक के बोर्ड में योगेश दयाल को मनोनित के तौर नियुक्त करने से जमाकर्ताओं का विश्वास हिल गया था।
एक ऋण खाते में बड़ी रकम को बट्टे खाते में डालने की घटना को लेकर माना जाता है कि नियामक को बैंक के मामले में हस्तक्षेप करने की नौबत आई। हालांकि बैंक ने बट्टे खाते के मुद्दे पर टिप्पणी से इनकार कर दिया।
बैंक को खुदरा अनिवासी भारतीय (एनआरआई) ग्राहकों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास करने होते थे। इस मामले में प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले बैंकरों का कहना है कि यह उन्हें विश्वास दिलाने और आशंकाओं को दूर करने के लिए था।
सोमवार को नियामक को स्थिति स्पष्ट करने के लिए बीच में आना पड़ा जिसके बाद रिजर्व बैंक ने बैंक की स्वस्थ वित्तीय प्रोफाइल पर वक्तव्य जारी किया लेकिन तब तक कुछ नुकसान हो चुका था।
भले ही जमाओं की निकासी के संदर्भ में ग्राहकों के भागदौड़ जैसा कोई दबाव महसूस नहीं किया गया लेकिन सोमवार को बैंक के स्टॉक की कीमत धाराशायी हो गई। बैंक के शेयर के दाम शुक्रवार को भी बीएसई पर 2.5 फीसदी घटकर 127.05 रुपये प्रति शेयर पर आ गए थे। जमा स्थिति के संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों पर बैंक ने कहा कि वह अब लंबे वक्त से तरलता कवरेज अनुपातों (एलसीआर) और अतिरिक्त् तरलता को बनाए हुए है।
आरबीएल ने सक्रिय रूप से टेलीफान या ईमेल के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंचने सहित कई कदम उठाए हैं। ग्राहकों की किसी भी मांग को पूरा करने के लिए एटीएम और शाखाओं में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है।
बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार स्थिर बनी हुई है और यह घटना किसी भी प्रकार से रियायत देने से नहीं जुड़ा है। साथ ही, रिजर्व बैंक की ओर से स्पष्टीकरण आने के बाद विश्वास बढ़ा है।
हालांकि, यदि ग्राहक अब भी अपना पैसा निकालना चाहते हैं तो बैंक अपनी प्रतिबद्घा का सम्मान करेगा। उसने कहा, ‘हम तेजी से सामान्य स्थिति की बहाली देख रहे हैं।’ आरबीएल ने कहा कि वह दैनिक आधार पर ऋण, जमाएं और शुल्क आमदनी का निष्पादन करता है और इससे बैलेंस शीट के दोनों ओर बारीकियों में भौतिक रूप से सुधार हुआ है।
उसने कहा कि स्पष्ट तौर पर किसी तिमाही के समाप्त होने से एक हफ्ते पहले बैंक की वित्तीय स्थिति में भौतिक रूप से कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है।
निकट और मध्यावधि में आरबीएल की प्राथमिकताएं लगातार बैलेंश सीट के दोनों तरफ बारीकियों को दुरुस्त करने पर ध्यान देने की है। कुछ प्राथमिकताओं में नए संपत्ति उत्पादों को शुरू करना और डिजिटल बैंकिंग पेशकश के स्तर को बढ़ाने सहित अन्य बातें शामिल हैं।
हालिया घटनाओं के कारण रणनीतिक दिशा या बैंक की योजना में कोई बदलाव नहीं आया है। उसने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि उक्त प्राथमिकताओं पर क्रियान्वयन को तेज किया जाएगा।’