भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में कुल 8.7 प्रतिशत गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) अनुपात को लेकर केंद्रीय बैंक ‘सहज नहीं’ (not comfortable) है। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों से इस अनुपात को बेहतर करने के लिए काम करने को कहा।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश की वित्तीय राजधानी में आयोजित सम्मेलन में UCB के निदेशकों को संबोधित करते हुए दास ने आग्रह किया कि ऐसे कर्जदाताओं को काम करने के तरीके में सुधार करना चाहिए, संबंधित-पक्ष से लेनदेन से बचना चाहिए और अन्य बातों के अलावा कर्ज जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
UCB सेक्टर कई चुनौतियों से भरा हुआ है…जैसा कि हाल में पंजाब ऐंड महाराष्ट्र बैंक में भी देखा गया।
दास ने UCB के निदेशकों से कहा कि बैंक जमाकर्ताओं पर चलते हैं और मध्यम वर्ग, गरीबों तथा सेवानिवृत्त लोगों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा किसी मंदिर या गुरुद्वारे में जाने से कहीं अधिक पवित्र है। उन्होंने कहा कि ओवरऑल लेवल पर कुल तस्वीर अच्छी दिखती है। हालांकि, GNPA और पूंजी पर्याप्तता पर स्थिति ‘बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं’ है।
उन्होंने कहा कि कुल गैर-निष्पादित संपत्तियां (GNPA) 8.7 प्रतिशत हो गई हैं। इसे आप अच्छा नहीं मान सकते। कुल मिलाकर यह संतोषजनक स्तर नहीं है। कमर्शियल बैंकों का GNPA मार्च, 2023 में दशक के सबसे बेहतर स्तर 3.9 प्रतिशत पर था और व्यापक रूप से इसमें और सुधार होने का अनुमान है।
NPA संकट से बेहतर ढंग से निपटने के लिए दास ने सुझाव दिया कि बेहतर आकलन के साथ क्रेडिट रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि RBI को हितों के टकराव या संबंधित पक्ष लेनदेन के मामलों को लेकर विवाद के बारे में पता चला है जिनसे बचने की जरूरत है।
दास ने कहा कि इसी तरह ऐसे भी मामले हैं कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले कई ऐसे व्यक्ति या व्यवसाय हैं जिनके पास भुगतान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि बकाया कर्ज का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा टॉप 20 इरादतन चूककर्ताओं (defaulters) का है। इसपर ध्यान केंद्रित करने से समग्र एनपीए (overall NPAs) में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
RBI गवर्नर ने UCB को परिसंपत्ति-देनदारी में विसंगतियों की निगरानी करने, पारदर्शी लेखांकन व्यवहार का पालन करने और आवश्यकताओं तथा खर्च करने की क्षमता के आधार पर लोगों की भर्ती करने को भी कहा।