संभावनाओं को लेकर सतर्क रूप से आशावादी होने के कारण देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022 में उसके लोन बुक में 9 फीसदी की वृद्घि होगी और दबावग्रस्त संपत्तियों से वसूली के प्रयासों में तेजी आएगी।
कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता की बदौलत वित्त वर्ष 2022 में सुधार के लिए तैयार है। बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने आभासी रूप से आयोजित वार्षिक आम बैठक में अपने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं इस बात को लेकर सर्तकतापूर्वक आशावादी हूं कि वित्त वर्ष 2021 में प्रदर्शन में हुई प्रगति वित्त वर्ष 2022 में भी जारी रहेगी।’ बैंक के लोन बुक में वित्त वर्ष 2021 में 4.8 फीसदी की वृद्घि हुई थी।
खारा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की शुरुआत अचानक से कोविड-19 संक्रमणों की दूसरी लहर के साथ हुई है। भले ही इस बार रोकथाम की रणनीति में पूर्ण लाकडाउन को नजरअंदाज किया गया और परिस्थिति को संभालने के लिए छोटे स्तर पर ही रोकथाम के उपाय किए गए लेकिन इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़े बिना नहीं रहेगा। बैंक ऋण में 9 फीसदी वृद्घि होने की उम्मीद कर रहा है और पूंजी पर्याप्तता के साथ इस प्रकार की ऋण वृद्घि को संभालने के लिए पूरी तरह से लैस है। उन्होंने शेयरधारकों की ओर पूछे गए प्रश्नों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिलहाल पूंजी पर्याप्तता करीब 13.74 फीसदी है जो कि वास्तव में एक उपयुक्त सुविधाजनक पूंजी स्थिति है।
पिछले हफ्ते इसके बोर्ड ने टियर1 बॉन्डों से 14,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की मंजूरी दी थी जो परिपक्व हो रहे बॉन्डों को हटाने और कारोबार वृद्घि को मजबूती देने में सहायक होगा। दबावग्रस्त संपत्ति प्रबंधन का संदर्भ देते हुए खारा ने कहा कि समाधान, अदालतों की बहाली और राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी के गठन के लिए पहले से तैयार दिवाला कार्यक्रम को लागू करने के साथ चालू वित्त वर्ष में दबावग्रस्त संपत्ति की वसूली में गति को बनाए रखने के लिए पूरे जोर शोर से प्रयास किए जाएंगे।