भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने आज कहा कि बैंक की संपत्ति गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है और उम्मीद की तुलना में तेजी से आर्थिक पुनरुद्धार से संस्थान के बही-खातों पर प्रभाव सीमित रहने की संभावना है। हालांकि उन्होंने वित्तीय परिणाम आने का हवाला देते हुए बैंक के कोविड से जुड़े ऋण पुनर्गठन के बारे में ब्योरा साझा नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले महीने जारी छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में अनुमान जताया था कि महामारी के कारण बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की स्थिति बिगड़ सकती है और उन्हें इसको लेकर सतर्क रहने को कहा गया था।
यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में खारा ने कहा, ‘मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि बैंक की संपत्ति गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।’ उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक स्थिति वैसी नहीं है जैसा कि अप्रैल में थी और ‘लॉकडाउन’ के बाद पाबंदियों में ढील से हम पुनरुद्धार देख रहे हैं, इससे वृद्धि को गति मिलेगी। खारा ने यह माना कि एक समय अर्थव्यवस्था के समक्ष कठिनाइयां थी और कंपनियों के लिए नकदी प्रवाह पर भी असर पड़ा था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों का बेहतर उपचार और टीके के आने से भरोसा बढ़ा है जिससे आर्थिक पुनरुद्धार को गति मिल रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कंपनियों के लिए नकदी प्रवाह की स्थिति सुधरी है।
संपत्ति गुणवत्ता के बारे में उन्होंने कहा, ‘ये चीजें सकारात्मक हैं। इससे एक भरोसा जगा है।’ अक्टूबर 2020 में एसबीआई के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने वाले खारा ने कहा कि बैंकों के लिए यह महत्त्वपूर्ण है कि वे इस कठिन समय में कर्जदारों के संपर्क में रहे और जब भी जरूरत हो, उन्हें परामर्श दें।