भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सेंट्रम फाइनैंशियल सर्विसेज को लघु वित्त बैंक खोलने की सैद्घांतिक मंजूरी दे दी है। इसकी बदौलत सेंट्रम फाइनैंशियल दिवालिया पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) का अधिग्रहण करेगी।
जसपाल बिंद्रा की अगुआई वाली सेंट्रम फाइनैंशियल की होल्डिंग कंपनी सेंट्रम कैपिटल और उसकी साझेदार भारतपे लघु वित्त बैंक में 1,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) लघु वित्त बैंक बन जाएगी। फिलहाल इसकी 12 शाखाएं हैं जिनमें 200 लोग काम कर रहे हैं। सेंट्रम कैपिटल के कार्यकारी चेयरमैन जसपाल बिंद्रा ने कहा कि एनबीएफसी को लघु वित्त बैंक के तौर पर परिचालन शुरू करने के लिए 120 दिन का वक्त मिलेगा। पीएमसी बैंक का एकीकरण एक अलग प्रक्रिया होगी, जिसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी।
सेंट्रम कैपिटल बीएसई पर सूचीबद्घ है और लघु वित्त बैंक की मंजूरी मिलने की खबर से इसका शेयर 8.3 फीसदी चढ़कर 50.25 रुपये पर बंद हुआ। बिंद्रा ने कहा कि पहले साल में साझेदार भारतपे 900 करोड़ रुपये निवेश करेगी। जिसका इस्तेमाल कारोबार शुरू करने और नियामकीय प्रक्रिया के जरिये पीएमसी के अधिग्रहण में किया जाएगा। दूसरे चरण में 900 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया जाएगा जिससे कारोबार के विकास में मदद मिलेगी।
आरबीआई ने कहा कि सेंट्रम को लघु वित्त बैंक की सैद्घांतिक मंजूरी पीएमसी बैंक के अधिग्रहण के लिए अभिरुचि पत्र में की गई पेशकश की प्रतिक्रिया के तहत दी गई है। सेंट्रम और भारत पे ने पीएमसी बैंक के अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी। खबरों के अनुसार दोनों कंपनियों का लघु वित्त बैंक में 50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी और सहकारी बैंक की परिसंपत्तियां एवं देनदारियां लघु वित्त बैंक को हस्तांतरित की जाएंगी।
भारत पे के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अशनीर ग्रोवर ने कहा, ‘भारत पे उच्च तकनीक पर आधारित लघु वित्त बैंक विकसित करने का मौका मिलने को लेकर उत्साहित है। इससे वंचित समूह को भुगतान, निवेश और उधारी की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी।’ पीएमसी बैंक पर सिंतबर 2019 में पाबंदियां लगाई गई थीं। इसके प्रशासक ने 3 नवंबर, 2020 को एक अभिरुचि पत्र जारी कर इस बैंक को दोबारा पटरी पर लाने के लिए निवेश आमंत्रित किए थे।
शुरू में चार निवेशकों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई थी और इनमें तीन ने आगे की प्रक्रिया में भाग लिया था। वर्ष 2019-20 में पीएमसी बैंक का कुल जमा आधार 10,727.12 करोड़ रुपये और कुल ऋण आवंटन 4,472.78 करोड़ रुपये था। इस अवधि में बैंक को 6,835 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। बैंक की शुद्ध हैसियत में भी भारी कमी आई थी। बैंक में अनियमितताओं का पता चलने के बाद आरबीआई ने इसके कारोबार पर पाबंदी लगा दी थी।