वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के बजट सत्र के बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी। इस मामले से सीधे जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘13 अगस्त, 2024 के बाद वित्त मंत्री आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी। समीक्षा में आरआरबी की डिजिटल क्षमता बढ़ाने पर चर्चा शामिल होगी।’
26 सितंबर, 1975 के अध्यादेश और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 के तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना की गई है। वित्त मंत्रालय ने इस मामले पर ई मेल से मांगी गई जानकारी का कोई जवाब नहीं दिया।
इसके पहले बैंक कर्मचारियों के संगठन ने वित्त मंत्री से मांग की थी कि आरआरबी का विलय उनके मूल प्रायोजक बैंकों में किया जाए, जिससे कुल मिलाकर उनकी कुशलता और बैंकिंग सेक्टर की व्यावहारिकता सुनिश्चित हो सके।
देश के 6 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन और ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित एक संयुक्त बयान में कहा है, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण एक ही तरह की सेवाएं प्रदान करने से वित्तीय संसाधन की बर्बादी हो रही है। इस कवायद के बावजूद हमारी बड़ी ग्रामीण आबादी तकनीक से संचालित और अद्यतन बैंकिंग सेवाएं नहीं पा रही है।’