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येस बैंक की डिश में हिस्सा बेचने की योजना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:20 PM IST

येस बैंक सैटेलाइट टीवी प्रसारक डिश टीवी इंडिया में अपनी 25.6 फीसदी हिस्सेदारी टाटा स्काई और भारती एयरटेल को बेचने की योजना बना रही है। बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि येस बैंक के अलावा अन्य संस्थागत निवेशक भी अपना हिस्सा बेचने के इच्छुक हैं। संस्थागत निवेशकों के पास डिश टीवी में कुल 45 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों ने बताया कि टाटा स्काई और भारती के साथ बातचीत चल रही है और इस बारे में जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। येस बैंक और डिश टीवी दोनों के बीच कंपनी पर नियंत्रण को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। डिश टीवी के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा परिवार के पास कंपनी में 6 फीसदी हिस्सेदारी है और वर्तमान में कंपनी के संचालन का जिम्मा उन्हीं के हाथों में है।
 
टाटा संस और एस्सेल समूह के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। भारती एयरटेल को भेजे गए ईमेल का भी कोई जवाब नहीं आया। टाटा स्काई या भारती एयरटेल द्वारा अगर यह सौदा किया जाता हैै तो इन प्रतिस्पर्धी कंपनियों को अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष में डिश टीवी की कुल आय 1,774 करोड़ रुपये थी और उसे 677 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बीते शुक्रवार को बंद भाव के मुकाबले कंपनी का बाजार मूल्यांकन 3,268 करोड़ रुपये था।
 
हालांकि यह सौदा प्रवर्तकों की इकाई वल्र्ड क्रेस्ट एडवाइजर्स द्वारा अदालत में दायर याचिका के फैसले के बाद ही हो सकता है। असल में डिश के प्रवर्तकों द्वारा 5,270 करोड़ रुपये के ऋण भुगतान में चूक करने के बाद येस बैंक ने कंपनी का शेयर भुना लिया था जिसका प्रवर्तक विरोध कर रहे हैं। येस बैंक और डिश टीवी के प्रवर्तकों के बीच पिछले साल फरवरी में कानूनी लड़ाई उस समय शुरू हुई थी जब डिश टीवी ने 1,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए राइट निर्गम को मंजूरी दी थी। येस बैंक का कहना है कि इससे कंपनी में उनकी हिस्सेदारी कम होगी और प्रवर्तकों का हिस्सा बढ़ जाएगा।
 
इसके बाद बैंक ने कंपनी को नोटिस जारी कर डिश टीवी के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की मांग की थी ताकि बोर्ड को पुनर्गठन किया जा सके। लेकिन कंपनी ने ईजीएम बुलाने की पहल नहीं की। इसके बाद येस बैंक ने राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट में याचिका दायर कर डिश टीवी को ईजीएम बुलाने के निर्देश देने की मांग की। एनसीएलटी में मामले की सुनवाई अभी लंबति है।  सितंबर 2020 में एस्सेल समूह के संरक्षक चंद्रा ने पुलिस में शिकायत कर राणा कपूर के नेतृत्व वाले येस बैंक के पूर्व प्रवबंध पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया और वीडियोकॉन डी2एच का अधिग्रहण करने के लिए दबाव डाला। उत्त प्रदेश पुलिस ने एजीएम से पहले येस बैंक के मताधिकार को जब्त करने का निर्णय किया और यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। हालांकि शीर्ष अदालत ने येस बैंक के वोटिंग अधिकार बहाल कर दिया। लेकिन कंपनी ने एजीएम की बैठक के नतीजे सार्वजनिक नहीं किए हैं और कहा कि इसे अदालत को बताया जाएगा। अदालत में 12 जनवरी को मामले की सुनवाई होगी और तब तक दोनों पक्षों को अदालत से बाहर समझौता करने का समय दिया गया है।

First Published : January 9, 2022 | 10:21 PM IST