वित्त-बीमा

बैंकों ने NBFC को दिया कम कर्ज

एनबीएफसी और खुदरा ऋण की वृद्धि दर में गिरावट, आरबीआई के नियमों का असर दिखा

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- January 02, 2025 | 10:00 PM IST

बैंकों द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) सेक्टर को दिए जाने वाले ऋण की वृद्धि दर घटकर 29 नवंबर, 2024 को समाप्त पखवाड़े में 7.8 फीसदी रह गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 19 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी क्षेत्रवार ऋण आवंटन के आंकड़ों के मुताबिक इस सुस्ती में सेवा क्षेत्र की भूमिका अहम रही। सेवा क्षेत्र को ऋण वृद्धि गिरकर 14.4 फीसदी रह गई जो पिछले साल की समान अवधि में 22.2 फीसदी थी।

एनबीएफसी सेक्टर को दिए जाने वाले ऋण वृद्धि में सुस्ती की बड़ी वजह रिजर्व बैंक का पिछले साल नवंबर का फैसला भी है, जब नियामक ने एनबीएफसी को बैंक फंडिंग पर जोखिम अधिभार बढ़ा दिया था। रिजर्व बैंक के इस कदम से एनबीएफसी को अपने धन के स्रोतों का विविधीकरण करना पड़ा। एनबीएफसी ने घरेलू पूंजी बाजार का रुख किया और बॉन्डों के माध्यम से धन जुटाया। साथ ही उन्होने विदेशी बाजारों में भी संभावना तलाशी।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक कुल मिलाकर एनबीएफसी सेक्टर को ऋण 29 नवंबर, 2024 को समाप्त पखवाड़े में 15.75 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 22 मार्च, 2024 को समाप्त पखवाड़े में 15.48 लाख करोड़ रुपये था। रिजर्व बैंक ने हाल ही में ट्रेंड ऐंड प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की है, जिससे पता चलता है कि जोखिम घटाने की रणनीति के तहत एनबीएफसी को आगे और अपने धन के स्रोत के विविधीकरण करने की जरूरत है, क्योंकि हाल के समय में कुछ बदलाव के बावजूद बैंकों पर उनकी निर्भरता बहुत अधिक बनी हुई है।

रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा है, ‘फंड के लिए एनबीएफसी की बैंकों पर निर्भरता कम होने से कुल मिलाकर वित्तीय स्थिरता आएगी।’ रिजर्व बैंक ने कहा बैंकों से उधारी अभी भी एनबीएफसी के लिए धन का प्राथमिक स्रोत बना हुआ है। बहरहाल 29 नवंबर, 2024 को समाप्त पखवाड़े में खुदरा ऋण की वृद्धि दर 16.3 फीसदी रही है, जो इसके पहले के साल की समान अवधि में 18.7 फीसदी थी।

व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण और क्रेडिट कार्ड पर उधारी में आई कमी के कारण ऐसा हुआ है। हालांकि आवास ऋण में वृद्धि हुई है, जिसका इस सेग्मेंट में सबसे बड़ा हिस्सा होता है। आंकड़ों से पता चलता है कि वाहन ऋण की वृद्धि दर आधी रह गई है। इसमें 10.3 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 20.6 फीसदी थी।

इसी तरह व्यक्तिगत ऋण की वृद्धि घटकर 11.6 फीसदी रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 24.9 फीसदी थी। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड पर बकाया नवंबर 2024 तक 18.1 फीसदी बढ़कर 2.88 लाख करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समा अवधि में यह 2.44 लाख करोड़ रुपये था। कुल मिलाकर खुदरा ऋण की वृद्धि में कमी आने की वजह रिजर्व बैंक द्वारा इस सेग्मेंट में बैंकों के ऋण पर जोखिम अधिभार बढ़ाया जाना है।

First Published : January 2, 2025 | 10:00 PM IST